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केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास, अटल बिहारी का सपना पूरा

jantaserishta.com
25 Dec 2024 8:59 AM GMT
केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास, अटल बिहारी का सपना पूरा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया.
खजुराहो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 25 दिसंबर को अटल बिहारी जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की आधारशिला रखी. राष्ट्रीय नदी जोड़ो नीति के तहत यह इस तरह का पहला प्रयास होगा. इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 10 जिलों में लगभग 44 लाख लोग और उत्तर प्रदेश के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा. यानी इस परियोजना से दो राज्यों की कुल 65 लाख आबादी को सीधा फायगा पहुंचेगा. इस परियोजना का अनुमानित खर्च 44,605 करोड़ रुपये है.
पीएम मोदी ने कहा, 'मैं एनालिसिस करने वाले विद्वान लोगों से आग्रह करूंगा कि आजादी के 75 साल हो गए हैं. विकास, जनहित, सुशासन के 100-200 पैरामीटर तय करने चाहिए और फिर जहां-जहां कांग्रेस, लेफ्ट और कम्युनिस्टों ने सरकार चलाई, वहां क्या काम हुआ, हिसाब लगाइए और जहां-जहां बीजेपी को सरकार चलाने का मौका मिला, वहां क्या हुआ? मैं विश्वास से कहता हूं कि देश में जहां-जहां बीजेपी को सेवा करने का मौका मिला है, वहां हर आयाम में बेहतर काम हुआ है.'
इस परियोजना से 2 हजार गांवों के करीब 7.18 लाख किसान परिवारों को लाभ मिलेगा. इससे 103 मेगावाट बिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी पैदा की जाएगी.
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने इस परियोजना के बारे में बताते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को छतरपुर जिले के खजुराहो में इस परियोजना का शिलान्यास करने आ रहे हैं, जो बुंदेलखंड के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के भाग्य और छवि को बदलने वाली है.' इस दौरान मोहन यादव ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच सहयोग और समन्वय का एक अद्वितीय उदाहरण है.
मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी के नदी लिंकिंग अभियान के सपने को साकार करने की पहल की है. इस परियोजना के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा और यह पीने और औद्योगिक उपयोगों के लिए भी पर्याप्त जल आपूर्ति करेगा.
इस परियोजना के तहत आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और नई रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में जलस्तर भी सुधरेगा. यादव ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है, जो भूमिगत प्रेशराइज्ड पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाती है.
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