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रेप केस में पाया गया दोषी, आरोपी को 10 साल जेल की सजा, जानें क्या है पूरा मामला

jantaserishta.com
17 March 2022 12:04 PM GMT
रेप केस में पाया गया दोषी, आरोपी को 10 साल जेल की सजा, जानें क्या है पूरा मामला
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बता दें कि आरोपी ने कोर्ट में कहा था कि वो लड़की उसकी पत्नी है और नाबालिग नहीं है.

मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत 8 साल पुराने केस में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में एक युवक को 10 साल जेल की सजा सुनाई है. बता दें कि आरोपी ने कोर्ट में कहा था कि वो लड़की उसकी पत्नी है और नाबालिग नहीं है.

दरअसल साल 2014 में 19 अप्रैल को लड़की के पिता ने मुंबई के कुरार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी 13 साल की बेटी लापता हो गई है. पिता ने पुलिस को बताया कि वह पेंटर का काम करता था और पिछले 22 साल से अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ कुरार इलाके में रह रहा था.
14 अप्रैल को उसकी बेटी ने अपनी मां से कहा कि वह किसी काम से बाहर जा रही है और कुछ देर में वापस आ जाएगी, हालांकि लड़की नहीं लौटी. इसके बाद परिवार ने उसकी तलाश की लेकिन जब वो नहीं मिली तो पिता ने कुरार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पिता ने अपनी बेटी की जानकारी देते हुए आशंका जताई थी कि किसी ने उसे अगवा कर लिया है.
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और इस दौरान लड़की की मां, दो दोस्त और एक अन्य महिला से पूछताछ की. इन लोगों को शक था कि लड़की का अपहरण किसी शख्स ने किया है. निगडी पुलिस स्टेशन की मदद से आरोपी को पकड़ लिया और लड़की भी उसी के पास से बरामद हुई थी. लड़की को मुक्त कराकर पुलिस ने मेडिकल जांच कराई.
इस जांच के बाद, मुंबई पुलिस ने आईपीसी की धारा 173, 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार) और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 (नाबालिग पर यौन हमला) के तहत केस दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी.
शुरुआत में, आरोपी ने कहा कि उसका और नाबालिग लड़की का प्रेम संबंध था और पीड़ित लड़की उसके पास खुद आई थी. बाद में उसने कोर्ट को बताया था कि युवती को उसके घरवाले शादी के लिए परेशान कर रहे थे और उसने (पीड़ित) कहा कि अगर शादी नहीं की तो वो आत्महत्या कर लेगी.
रेप के मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति ने अपनी सफाई में कहा, पीड़ित लड़की के साथ उसकी शादी वैध थी और है; उसने न तो धोखा दिया और न ही उसके साथ बलात्कार किया; बल्कि उसने उसकी जान बचाने के लिए सब कुछ किया क्योंकि युवती आत्महत्या करने की धमकी दे रही थी इसलिए वह निर्दोष है. ट्रायल के दौरान लड़की ने भी कोर्ट को बताया था कि उसने आरोपी से शादी कर ली है.
इस मामले में जज ने सजा सुनाते हुए कहा, आरोपी की उम्र वर्तमान में 30-32 साल से ही है. वो अपने जीवन का अहम हिस्सा जेल में बिता चुका है इसलिए अदालत उसे गंभीर सजा देने के लिए इच्छुक नहीं है.
जज ने कहा, POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत दंडनीय अपराध के लिए न्यूनतम दस साल की सजा का प्रावधान है इसलिए उस वही सजा दी गई है.
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