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लखनऊ: परित्यक्त शिशुओं को अब देखभाल हो सकेगी। लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मैरी अस्पताल में 'पालना' नामक एक पालना स्थापित किया गया है, जहां चिकित्सीय असामान्यता या सामाजिक कारणों से माता-पिता बेहतर देखभाल के लिए अपने बच्चे को छोड़ सकते हैं।
पालना अस्पताल के मुख्य द्वार के पास स्थापित किया गया है। माता-पिता अपनी पहचान बताए बिना, यहां अपने बच्चे को पालने में छोड़ सकते हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग भी है, ने कहा कि एक सेंसर सिस्टम भी लगाया गया है, जो दो मिनट के भीतर कर्मचारियों को बच्चे के बारे में सचेत कर देगा। इसके बाद शिशु को राज्य द्वारा गोद लिया जाएगा।
कर्मचारी बच्चे की चिकित्सा जांच कराएंगे और फिर गोद लेने की औपचारिकताओं को पूरा करने व आश्रय गृह के आवंटन के लिए बच्चे को चाइल्डलाइन को भेज देंगे। यह कदम लोगों को अवांछित शिशुओं को खुले में छोड़ने से रोकने के लिए बनाया गया है।
पाठक ने माता-पिता से अपील की है कि अगर वे अपने बच्चेे की देखभाल करने में असमर्थ हैंं, तो उन्हें इस पालने में छोड़ दें, ताकि उनकी बेहतर देखभाल हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि आश्रय स्थल के संचालन में कोई बाधा नहीं आने दी जायेगी और राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी.
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