पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 'सांप्रदायिक' थे : कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर
दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 'सांप्रदायिक' थे. इतना ही नहीं, अय्यर ने उन्हें देश का 'बीजेपी का पहला प्रधानमंत्री' भी बताया. उन्होंने राजीव गांधी की मृत्यु के बाद राजनीति में कदम रखने के लिए सोनिया गांधी की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि राजीव के जाने के बाद कई लोगों ने सोचा कि चलो अब इस आदमी (मणिशंकर अय्यर) को खत्म कर दें, लेकिन मैं केवल उनकी (सोनिया गांधी) वजह से पार्टी में बचा रहा.
पूर्व राजनयिक मणिशंकर की आत्मकथा "मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक - द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991)" सोमवार को लॉन्च हुई थी. अपनी पुस्तक के औपचारिक विमोचन पर अय्यर ने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ अपने संबंधों से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 में कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में उनके कार्यकाल तक का जिक्र किया. इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थीं.
जब अय्यर से बाबरी मस्जिद मुद्दे से निपटने में राजीव गांधी की आलोचना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं समदर्शी हूं, मुझे लगता है कि शिलान्यास गलत था. मुझे लगता है कि राजीव गांधी ने ये सबसे बड़ी गलती की थी. अय्यर ने कहा कि उन्हें बाद में पता चला कि पी वी नरसिम्हा राव "कितने सांप्रदायिक थे. अय्यर ने राव के साथ उस समय हुई बातचीत का जिक्र किया जब वह 'राम-रहीम' यात्रा निकाल रहे थे.
कांग्रेस नेता अय्यर ने बताया कि नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा था कि उन्हें मेरी यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे. मैंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है, तो उन्होंने कहा कि मणि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है. मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा बिल्कुल यही कहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे, बल्कि बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव थे.