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पटना: सीबीआई की एक विशेष कोर्ट ने जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल कुमार सहनी को एक घोटाले के मामले में दोषी ठहर दिया है। कोर्ट ने उन्हें अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाला मामले में दोषी ठहराया। सजा 31 अगस्त 2022 को सुनाई जाएगी। मामला यात्रा-महंगाई भत्ते की धोखाधड़ी से भुगतान का दावा करने से जुड़ा है। इस वक्त सहनी राज्यसभा के सांसद थे।
आरोप है कि सहनी ने बिना कोई यात्रा किए भत्ते के भुगतान के लिए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास दिए। इस तरह उन्होंने राज्यसभा के साथ 23.71 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। सहनी अभी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक हैं। केंद्रीय एजेंसी ने 31 अक्तूबर 2013 को सहनी व अन्य के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के एक संदर्भ के बाद मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि सहनी ने टीए बिल के दो सेट पेश करते हुए राज्यसभा से 23.71 लाख रुपये का दावा किया था। उनमें से एक सेट में मार्च 2012 में सांसद और नौ अन्य साथियों के नाम से 20 फर्जी ई-टिकट और 40 बोर्डिंग पास पेश किए गए थे। दूसरे सेट में दिसंबर 2012 में सहनी व उनके छह साथियों के नाम पर सात जाली ई-टिकट और 21 बोर्डिंग थे। 20 फर्जी ई-टिकट दिल्ली-चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर मार्ग पर कथित वापसी यात्रा के लिए थे। वहीं, सात नकली टिकटों का सेट दिल्ली-कोलकाता-पोर्ट ब्लेयर मार्ग पर वापसी यात्रा के लिए था।
इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने धन शोधन के एक मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह मामला अवैध तरीके से फोन टैप करने से जुड़ा है। मामले के तार एनएसई के कर्मचारियों की जासूसी कराए जाने से भी जुड़े हुए हैं।

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