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कही ये बड़ी बात
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में BJP को मिली ऐतिहासिक सफलता और सपा की करारी शिकस्त के साथ बीजेपी लगातार एक के बाद एक सपा को कई बडे झटके देती नजर आ रही है. जिसके तहत सपा सरकार में रहकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सीतापुर जिले से सपा के पूर्व विधायक रामपाल यादव को भी बीजेपी में शामिल कर लिया. इस दौरान सीतापुर जिले से दो बार के सपा विधायक रहे रामपाल यादव को भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष और मंत्री ने भाजपा की सदस्याता दिलाई. और साथ ही मिठाई खिलाकर सीतापुर जिले के इस कद्दावर नेता का बीजेपी में स्वागत किया.
अखिलेश यादव के खिलाफ खोल दिया था मोर्चा
बता दें कि रामपाल यादव ने पिछले वर्ष सीतापुर से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा से टिकट न मिलने पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी. और फिर अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोलकर बीजेपी के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष के ससुर और सपा के पूर्व उम्मीदवार शिवकुमार गुप्ता को हराकर अपने बेटे जितेन्द्र यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जितवा दिया था. इतना ही नही इस दौरान रामपाल यादव पर विधान परिषद और राज्यसभा के चुनाव में भी सपा ने इनके ऊपर क्रास वोटिंग का आरोप लगाया था. जिससे भड़के अखिलेश यादव ने इन्हें सपा से निष्कासित कर इनके लखनऊ के जियामऊ और सीतापुर में बने होटल और मकान पर बुलडोजर चलवा दिया था.
अखिलेश को बताया था कौरवों का दुर्योधन
सपा के पूर्व विधायक रामपाल यादव ने अखिलेश यादव का विरोध करना नही छोड़ा. एक प्रेस काॅन्फ्रेंस कर जहां अखिलेश यादव को कौरवों का दुर्योधन कहा था. वहीं अखिलेश यादव के इशारे पर शुरू हुई अपने खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के चलते अखिलेश यादव से अपनी जान का भी खतरा बताया था. हालांकि सीतापुर जिले में सपा के पूर्व विधायक रामपाल यादव का खासा दबदबा होने के चलते इनका बेटा जितेन्द्र यादव ही सीतापुर से जिला पंचायत अध्यक्ष था. इस बार बीजेपी के शीर्ष नेताओं से हुई मुलाकात के बाद रामपाल यादव बीजेपी का दामन थामने से पहले ही पुरानी चुनावी रंजिश को भूल भाजपा प्रत्याशी शिव कुमार गुप्ता का ही खुलकर समर्थन कर रहे थे.
आज सिर्फ भाजपा में ही है सभी वर्गो का सम्मान
ऐसे में आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद सपा के पूर्व विधायक रामपाल यादव ने कहा कि 'आज की परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है. जिसने समाज के सभी वर्गों को उसका उचित सम्मान देने का काम किया है. हम आने वाले समय मे भाजपा की नीतियों-रीतियों और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुचायेंगे. खासकर यादव समाज को संगठित कर पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे. समाजवादी पार्टी भले ही यादवों की सबसे बडी हितैषी होने का दावा करती हो, लेकिन मौजूदा सपा मुखिया अखिलेश यादव की संकुचित मानसिकता के चलते सिर्फ उनके आगे-पीछे घूमने वाले चंद यादवों को ही उनकी सरकार में लाभ मिला है.'
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