उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया है. अनिल प्रजापति पर जालसाजी, धोखाधड़ी समेत कई मुकदमे दर्ज हैं, जिसको लेकर काफी समय से लखनऊ पुलिस उनकी तलाश कर रही थी. दरअसल गुरुवार को गायत्री प्रजापति की पेशी थी. पुलिस को सूचना मिली थी कि अनिल प्रजापति कोर्ट में पेशी के दौरान अपने पिता से मिलने आने वाले हैं. जिसके बाद उन्हें कोर्ट पहुंचने से पहले ही हजरतगंज चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया.
गायत्री के पूर्व परिचित और उनकी कंपनी में काम करने वाले बृजभवन चौबे ने गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री और उनके बेटे समेत अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई थी. लखनऊ पुलिस ने बताया कि 17 दिसंबर को थाना गोमती नगर विस्तार के मु0अ0सं0 163/2020 धारा 506/386/388/419/420/467/468/471/120B भारतीय दंड विधान में वांछित चल रहे अभियुक्त अनिल कुमार प्रजापति पुत्र गायत्री प्रसाद प्रजापति निवासी एलजीएल आवास विकास कालोनी थाना कोतवाली नगर जनपद अमेठी को हजरतगंज चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया.
एफआईआर के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा अपने पिता अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति को छुड़वाने के लिए मुकदमे की पीड़िता सविता पाठक के बयान बदलवाने हेतु उसके हक में अपने तथाकथित पांच कंपनियों के निदेशक बृजभवन चौबे को अलग-अलग तारीखों में संपत्तियों का बैनामा कराया जिसके भुगतान हेतु दो करोड़ रूपये का चेक दिया गया था जो कि कभी अस्तित्व में ही नहीं आया. बाद में अभियुक्त अनिल कुमार प्रजापति द्वारा वादी मुकदमा बृजभवन चौबे को गलत तरीके से उन्हें बिना सूचित किये कंपनी से निकाल दिया गया. अभियुक्त अनिल कुमार प्रजापति ने अपने पिता गायत्री प्रसाद प्रजापति को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया, जिसका अब तक की विवेचना से पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
बता दें कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा दर्ज है. समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे प्रजापति के खिलाफ विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर में मुकदमा दर्ज है. सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस ने इस मामले की पहले खुली जांच की थी जिसमें प्रजापति के पास आय से छह गुना अधिक संपत्ति पाई गई थी. इसके बाद विजिलेंस ने शासन को रिपोर्ट भेजकर प्रजापति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी.
इससे पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति को दुष्कर्म के एक मामले में लखनऊ पुलिस ने वर्ष 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था और वह अभी भी जेल में बंद हैं. प्रजापति के खिलाफ गाजीपुर और गोमतीनगर विस्तार थाने में जालसाजी समेत कई अन्य मुकदमे भी दर्ज हैं.