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2020 दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के मामले में एंटी टेरर लॉ यूएपीए (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (Umar Khalid) ने अपनी जमानत की पुरानी अर्जी वापस लेकर जमानत की नई अर्जी लगाई है. पुरानी जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस ने आपत्ति जताई थी.
उमर खालिद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील त्रिदीप पेस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत को बताया कि पुलिस की आपत्ति के बाद सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत के अनुरोध वाली अर्जी को धारा 437 के तहत बदल दिया गया है.
पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील अमित प्रसाद ने नई अर्जी पर भी आपत्ति जताई है और इसे लंबी रणनीति के बाद दाखिल करने का आरोप लगाते हुए, इसे अनुचित ठहराया है. एएसजे रावत ने खालिद की नई जमानत अर्जी पर पुलिस से जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की है.
इससे पहले तीन सिंतबर को मामले की सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने कहा था कि इस केस में जो चार्जशीट दाखिल की गई है, उसमें कई संगीन आरोप लगाए गए हैं जिसका कोई आधार नहीं है, चार्जशीट किसी वेब सीरीज और न्यूज चैनल की स्क्रीप्ट लगती है.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उमर खालिद की जमानत याचिका में कोई दम नहीं है और दिल्ली पुलिस मामले में दायर आरोपपत्र का हवाला देकर अदालत के समक्ष उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला प्रदर्शित करेगी.
बता दें कि खालिद व कई अन्य लोगों के खिलाफ एंटी टेरर लॉ के तहत केस दर्ज किया गया है. इन लोगों पर फरवरी 2020 में दिल्ली में हुई हिंसा में साजिश रचने का आरोप है. इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और वहीं 700 लोग घायल हो गए थे.
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