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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने पुरस्कार लेने से किया मना

Admin2
4 Sep 2022 4:27 PM GMT
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने पुरस्कार लेने से किया मना
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केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया है. कोरोना वायरस और नीपा वायरस से निपटने के प्रयासों के लिए उन्हें 64वें रैमन मैग्सेसे अवार्ड के लिए चुना गया था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया है.

कम्युनिस्ट पार्टी की नेता केके शैलजा ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पार्टी से बातचीत की थी. पार्टी ने इसे लेने से मना कर दिया, इसलिए उन्होंने भी इसे अस्वीकार कर दिया है. रैमन मैग्सेसे अवार्ड को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी माना जाता है.
केके शैलजा ने कहा, 'मुझे सूचना दी गई कि अवार्ड समिति ने उनके नाम पर विचार किया है. मैं एक राजनेता हूं. सामान्य तौर पर आजतक ये अवार्ड किसी राजनेता को नहीं दिया गया है. मैं CPI(M) की सेंट्रल कमेटी की सदस्य हूं. मैंने इस बारे में पार्टी के नेतागणों से विचार-विमर्श किया और सभी ने सामूहिक तौर पर कहा कि मुझे इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए. ये एक बड़ा पुरस्कार है, लेकिन वो एक एनजीओ है और वो कम्युनिस्ट विचारधारा के सिद्धांतों का समर्थन नहीं करते हैं.'
रैमन मैग्सेसे अवार्ड की स्थापना 1957 में की गई थी. ये अवार्ड फिलीपींस के तीसरे राष्ट्ऱपति रैमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है. इसे एशिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है, जो हर साल अलग-अलग क्षेत्रों में समाज के लिए काम करने वाले लोगों को दिया जाता है. रैमन मैग्सेसे की मौत 1957 में एक विमान दुर्घटना में हुई थी. वे 1950 के दशक में अपने भूमि सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से कम्युनिस्टों की घुसपैठ नाकाम करने के लिए विश्वविख्यात हुए थे.
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