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पूर्व राज्यपाल बोले- CAA के तहत नागरिकता देने से पहले 'खतना टेस्ट' किया जाना चाहिए, राजनीतिक माहौल और गरमा

jantaserishta.com
19 March 2024 3:18 AM GMT
पूर्व राज्यपाल बोले- CAA के तहत नागरिकता देने से पहले खतना टेस्ट किया जाना चाहिए, राजनीतिक माहौल और गरमा
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बयान से सियासी विवाद उठ खड़ा हुआ है।
नई दिल्ली: त्रिपुरा और मिजोरम के पूर्व गवर्नर और भाजपा नेता तथागत रॉय ने कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम पुरुषों को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत नागरिकता देने से पहले उनका 'खतना परीक्षण' किया जाना चाहिए। उनके इस बयान से सियासी विवाद उठ खड़ा हुआ है। तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व गवर्नर के बयान को अश्लील करार दिया है।
सोशल मीडिया पर रॉय ने नागरिकता देने के बारे में केंद्र सरकार से नियम स्पष्ट करने की भी अपील की है। पूर्व गवर्नर ने एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस CAA पर लगातार झूठी जानकारी फैला रही है। इससे लोगों के गुमराह होने की संभावना दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट करना चाहिए कि बांग्लादेश में होने वाले इस्लामी अत्याचार के कारण जो हिन्दू शरणार्थी मात्र कपड़ों के साथ भारत आए, उन्हें नागरिकता कैसे मिलेगी और उन शरणार्थियों की क्या स्थिति होगी, जिनका नागरिकता सम्बन्धी आवेदन खारिज हो गया है।”
भाजपा नेता रॉय ने इस बारे में कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने लिखा, “एक हिंदू, बौद्ध या ईसाई शरणार्थी को नागरिकता पाने का हकदार माना जाना चाहिए। शरणार्थी पुरुष के धर्म का परीक्षण खतना या और किसी विधि से होना चाहिए। जो भी पुरुष इस प्रक्रिया में हिन्दू पाए जाते हैं, उनके साथ आने वाली महिलाओं को भी हिन्दू माना जाए।”
उन्होंने दूसरे सुझाव में कहा है, “अगर किसी हिंदू, बौद्ध या ईसाई का नागरिकता आवेदन किसी कारण से खारिज हो जाता है तो उन्हें यहाँ रहने दिया जाए और उन्हें स्पष्ट रूप से बताया जाए कि उन्हें किसी भी तरीके से डिटेंशन कैम्प में नहीं भेजा जाएगा।” तथागत रॉय ने एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि CAA स्पष्ट रूप से किसी भी मुस्लिम को नागरिकता नहीं देने की वकालत करता है, इसलिए यह जानने के लिए कि नागरिकता पाने का आवेदक मुस्लिम है या नहीं, इसका निर्धारण खतना परीक्षण से ही किया जाना चाहिए।
तथागत रॉय के इस बयान की सियासी हलकों में खूब आलोचना हो रही है। इस पर अपने रुख के समर्थन में रॉय ने कहा, “कई साल पहले जब हम इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले रहे थे तो सभी पुरुषों को एक मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ा था जिसमें एक पुरुष डॉक्टर के सामने निर्वस्त्र होना भी शामिल था! वो टेस्ट यह पता लगाने के लिए नहीं था कि क्या किसी का खतना हुआ है या नहीं, बल्कि यह जानने के लिए कि क्या किसी को हाइड्रोसील है। इस पर तो कभी किसी ने आपत्ति नहीं जताई! अब क्यों?"
दूसरी तरफ, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा है कि तथागत रॉय "इस तरह के घटिया और अश्लील व्यंग्य के जरिए समाज में धार्मिक भेदभाव को कायम रखना रहे हैं।" घोष ने एक्स पर लिखा, "तथागत रॉय ने CAA पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी हदें पार कर दीं हैं, जिसमें कहा गया है कि नागरिकता निर्धारित करने से पहले खतना की जांच होनी चाहिए। यह उन हास्यास्पद और बाहियात नैरेटिव को भी दर्शाता है जिसे भाजपा देश में बढ़ावा देती है।"
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