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पूर्व Femina Miss India डिजिटल अरेस्ट का शिकार, 99 हजार ठगे, शातिर ने खुद को बताया सीबीआई अधिकारी

jantaserishta.com
4 Dec 2024 10:26 AM GMT
पूर्व Femina Miss India डिजिटल अरेस्ट का शिकार, 99 हजार ठगे, शातिर ने खुद को बताया सीबीआई अधिकारी
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आगरा: पूर्व Femina Miss India शिवांकिता दीक्षित साइबर फ्रॉड का शिकार हो गईं. ठग ने उनको करीब दो घंटे तक वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट रखा और फिर 99 हजार रुपये ऐंठ लिए. फ्रॉड ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर शिवांकिता के बैंक खाते में मनी लांड्रिग और बच्चों के अपहरण की रकम आने की बात कहकर उन्हें डराया धमकाया. घटना के बाद से शिवांकिता दहशत में हैं. फिलहाल, उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा दी है.
आपको बता दें कि आगरा के मानस नगर निवासी शिवांकिता दीक्षित वर्ष 2017 में फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल रही हैं. बीते मंगलवार की शाम को उनके पास एक अज्ञात कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया. उसने शिवांकिता से कहा कि आपके आधार कार्ड से रजिस्टर्ड सिम पर दिल्ली में एक बैंक खाता खोला गया है. इस बैंक खाते में मानव तस्करी, मनी लांड्रिग और बच्चों के अपहरण की फिरौती की रकम ट्रांसफर की गई है.
इस तरह बातों-बातों में शिवांकिता उस फ्रॉड के झांसे में आ गईं और वीडियो कॉल पर बात करने लगीं. बकौल शिवांकिता दीक्षित- वीडियो कॉल पर एक शख्स पुलिस की ड्रेस में दिख रहा था. उसकी वर्दी पर थ्री स्टार लगे थे. बैकग्राउंड में साइबर पुलिस दिल्ली लिखा था. एक के बाद एक चार ऑफ़िसरों से बात करवाई गई. एक महिला ऑफिसर से भी बात हुई. उसने कहा कि जल्द से जल्द मामला रफा दफा कर लो नहीं तो गिरफ्तारी के बाद जेल जाना पड़ेगा.
इस दौरान करीब दो घंटे तक शिवांकिता वीडियो कॉल पर बनी रही और जैसा-जैसा सामने वाला कह रहा था, वो कर रही थीं. इस बीच शिवांकिता ने दो बार में ऑनलाइन 99 हजार रुपये फ्रॉड के बताए खाते में भेज दिए. जब शिवांकिता ने कहा कि लिमिट पूरी हो गई तो फ्रॉड ने दूसरे से पैसे ट्रांसफर करवाने की बात कही.
इधर, शिवांकिता साइबर फ्रॉड से बात कर रही थी और उधर कमरे के बाहर उनके पिता संजय दीक्षित दरवाजा खटखटा रहे थे. लेकिन शिवांकिता दरवाजा नहीं खोल नहीं खोल रही थी. काफी देर जब खोला तो पिता को पता चला कि बेटी साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुकी है. जिसके बाद पिता ने बेटी संग जाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिवांकिता ने बताया कि मैंने पहले 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत की फिर ईमेल से साइबर क्राइम सेल में भी शिकायत भेजी.
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