पूर्व DGP ने शेयर की पुरानी यादें, पहले भिक्षा मांगकर करते थे अपना गुजारा
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपने निराले अंदाज के लिए जाने जाते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। अब वे अध्यात्म की राह पर हैं। उनका ज्यादातर वक्त अयोध्या, मथुरा और वृंदावन की गलियों, मठों और मंदिरों में गुजर रहा है। वे लगातार धार्मिक मंच, सत्संग और प्रवचन कार्यक्रमों में दिखते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने सारण जिले के सोनपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और श्रद्धालुओं को अध्यात्म की राह बताई। गच रविवार को उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए अयोध्या के अलावा यूपी के गोंडा जिले से जुड़ीं पुरानी यादे साझा कीं। पांडेय ने बताया कि वे आजकल अयोध्या में प्रवास कर रहे हैं। इस दौरान उनकी 40 साल पुरानी यादें ताजा हो गईं तो वे गोंडा जिले के नवाबगंज चले गए।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि यूपीएसएसी में चयन होने से पहले उन्हें अध्यात्म की राह सूझ गई थी और उन्होंने साधु बनने की सोच ली थी। तब वे पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई किया करते थे। बीए फाइनल की परीक्षा देने के बाद एक दिन वे बिना किसी को बताए अयोध्या चले गए और आसपास के इलाकों में भिक्षा मांगकर अपना गुजारा करने लगे। तब उनकी उम्र 21-22 साल हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि लगभग 40 साल पहले जब वे अयोध्या के गोंडा जिले के गावों में भिक्षाटन किया करते थे तब नवाबगंज में रुके थे। रात के ठहरने के लिए धर्मशाला पहुंचे लेकिन वहां उन्हें जगह नहीं मिली। इसके बाद वे धर्मशाला के बाहर पड़ी खाट पर सो गए। देर रात को एक शराबी आया और उसने उनकी खाट को उलट दिया। इससे पांडेय नीचे गिर गए। इसके बाद वे थोड़ी देर के लिए बगल से गुजर रही नाली की पुलिया पर सो गए।