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नई दिल्ली: सीबीआई ने असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे अशोक सैकिया को करीब 9 लाख का कर्ज न चुकाने के 25 साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई बार-बार तलब किए जाने के बावजूद उसके अदालत में पेश न होने के कारण गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद की गई है.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की गुवाहाटी टीम ने अशोक सैकिया से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा. इस बारे में पूछे जाने पर उनके बड़े भाई और असम विधान सभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने बताया कि अशोक सैकिया को सीबीआई अधिकारियों की एक टीम अपने साथ ले गई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि उन्हें हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया है. यह भी नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया गया है. यह बहुत पुराना मामला है और कर्ज चुका दिया गया था. बैंक ने अदालत को नहीं बताया और यह बैंक की गलती है.'
पेशे से कारोबारी, अशोक सैकिया ने अपने बड़े भाई के जरिए एक बयान जारी किया और कहा कि उन्होंने असम राज्य सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड (एएससीएआरडी) से 1996 में कर्ज लिया था. उन्होंने कहा, 'बाद में, मैंने 2011 में एएससीएआरडी के पत्र के मुताबिक कर्ज चुका दिया था. बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक ने 28 अक्टूबर, 2015 के एक आधिकारिक पत्र के जरिए बताया कि कोई बकाया नहीं है. सीबीआई की टीम अचानक हमारे घर आई और कहा कि मेरा कर्ज बकाया है. मुझे सीबीआई या अदालत से कोई नोटिस नहीं मिला था.'
सीबीआई के गलत 'इस्तेमाल' का आरोप
कारोबारी ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि सीबीआई मुझे निराधार और काल्पनिक मामले में क्यों शामिल कर रही है. केवल सीबीआई या सरकार को ही इसका पता होगा.' देवव्रत सैकिया ने बैंक का कथित प्रमाण-पत्र भी शेयर किया जिसमें लिखा है कि उन्होंने मूलधन और ब्याज दोनों का पूरा भुगतान कर दिया है. कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार विपक्ष के नेताओं को परेशान करने के लिए सीबीआई का 'इस्तेमाल' कर रही है.
jantaserishta.com
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