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जैसे ही पूर्व विधायक का बेटा लौटा, पुलिस ने फौरन एयरपोर्ट से कर लिया गिरफ्तार, जानें मामला
jantaserishta.com
8 April 2024 9:44 AM GMT
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इसके बाद पुलिस ने उसे मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया, जिसके बाद उसे आगामी 22 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने सोमवार को लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मोहम्मद राहील आमिर उर्फ साहेल को गिरफ्तार किया है, जो बोधन के पूर्व विधायक मोहम्मद शकील आमिर का बेटा है।
पिछले दिसंबर माह से साहेल गिरफ्तारी से बच रहा था, लेकिन इस बीच जैसे ही वह दुबई से लौटा, पुलिस ने फौरन हैदराबाद एयरपोर्ट से उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उसे मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत किया, जिसके बाद उसे आगामी 22 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साहेल को बाद में चंचलगुडा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। बेगमपेट में तत्कालीन सीएम कैंप कार्यालय प्रजा भवन के सामने लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के संबंध में तेलंगाना हाई कोर्ट ने उसके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को निलंबित कर दिया, जिसके तीन दिन बाद साहेल हैदराबाद लौट आया।
लुकआउट सर्कुलर निलंबित किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने साहेल को 19 अप्रैल तक जांच अधिकारी के समक्ष पेश होेने का आदेश दिया था। दरअसल, बीएमडब्लू कार चलाते समय उसने इसे प्रजा भवन के सामने लगे बैरिकेड में घुसा दिया। हालांकि, इस घटना में कई बेरिकेड और कार का आगे का हिस्सा टूट गया था। कार को चला रहा शख्स और उसमें सवार सभी लोग बच गए।
बाद में लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया गया। जांच में सामने आया है कि साहेल बोधन से पूर्व विधायक का बेटा है, जो कि कार चला रहा था। पुलिस ने साहेल को छोड़ दिया, जबकि पूर्व विधायक के यहां ड्राइवर के रूप में काम कर रहे शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद साहेल अपने पिता के पास दुबई चला गया।
कुल 16 लोगों पर मामला दर्ज किया गया और आरोपियों की मदद करने वाले पंजागुट्टा और बोधन पुलिस स्टेशनों के निरीक्षकों सहित पांच को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने निजामाबाद जिले के बोधन निर्वाचन क्षेत्र से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पूर्व विधायक शकील के खिलाफ भी एलओसी जारी की थी। हाईकोर्ट ने फरवरी में उनके खिलाफ एलओसी निलंबित कर दी।
पुलिस ने कहा था कि दुबई में रहते हुए पूर्व विधायक ने कथित तौर पर अपने बेटे को पुलिस हिरासत से बाहर आने में मदद की और मामले में एक ऐसे व्यक्ति को फंसाया जिसका इससे कोई लेना देना नहीं था।
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