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BJP के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी का निधन

Neha Dani
1 July 2021 1:17 AM GMT
BJP के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी का निधन
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यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा कि मैं शरद त्रिपाठी के निधन से नि:शब्द हूं.

यूपी के संतकबीरनगर से भाजपा के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी (Former BJP MP Sharad Tripathi passed away) का बुधवार देर रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थे और गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. शरद त्रिपाठी के निधन पर बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. देवरिया से भाजपा सांसद रमापतिराम त्रिपाठी के बेटे एवं संतकबीरनगर के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी को लीवर सिरोसिस बीमारी के कारण कुछ दिनों पूर्व गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

शरद त्रिपाठी के निधन पर उत्तर प्रदेश बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने दुख व्यक्त किया. स्वतंत्र देव सिंह ने लिखा, "संतकबीरनगर से पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता शरद त्रिपाठी जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे व परिजनों को यह दुःख सहने का संबल प्रदान करे. ॐ शान्ति…" केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने निधन पर शोक जताते हुए लिखा, "मैं निशब्द हूं. ऐसा लगता अभी बोल उठेगा शरद 'चल दीदी क्षेत्र में कार्यक्रम करना है' चला गया, प्रभु की यही इच्छा थी. ईश्वर शरद त्रिपाठी जी की आत्मा को शांति दें, अपने श्री चरणों में स्थान दें." यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा कि मैं शरद त्रिपाठी के निधन से नि:शब्द हूं.

खजनी तहसील के रहने वाले थे


बीजेपी के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी मूलरूप से गोरखपुर के निवासी थे. उनका पैतृक निवास खजनी तहसील क्षेत्र में पड़ता है. शहर में वह साहब धर्मशाला स्थित आवास पर परिवार के साथ रहते थे. देवरिया के सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर से सांसद बने थे. पिछले दो-तीन से उनकी हालात बिगड़ने पर सांसद पिता डॉ. रमापति त्रिपाठी और पूरा परिवार गुरुग्राम पहुंच गया था. शरद त्रिपाठी के मुताबिक बुधवार की रात 11 बजे शरद त्रिपाठी के निधन की सूचना यहां मिली.
विवाद के बाद आए थे चर्चाओं में
बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही उनका संतकबीरनगर के मेंहदावल सीट से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल से विवाद हो गया था. कलेक्ट्रेट सभागार में तत्कालीन सांसद और विधायक के बीच मारपीट हुई थी. यह मामला तब देश भर में चर्चा का विषय रहा था. हालांकि इस घटना के बाद ही शरद को संतकबीरनगर से टिकट नहीं मिला था और उनके पिता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से चुनाव मैदान में उतारा था, जहां से उन्होंने जीत दर्ज की थी.


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