BARC के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता अस्पताल में भर्ती, कथित TRP घोटाले के थे आरोपी
दासगुप्ता को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. उनसे पहले BARC के COO रोमिल रामगढ़िया को भी गिरफ्तार किया गया था. शुक्रवार (15 जनवरी) की रात दासगुप्ता की तबियत खराब हुई जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. चार जनवरी को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दासगुप्ता की बेल एप्लीकेशन खारिज कर दी थी.
जमानत की मांग करते हुए उनके वकीलों ने तर्क दिए कि वे इस तरह की हेरफेर नहीं कर सकते थे. वकीलों ने कहा कि BARC में इंटरनल कमेटी होती है और साथ ही बोर्ड ऑफ डारेक्टर्स भी होते हैं, ऐसे में एक अकेले शख्स ने लिए इस तरह की हेरफेर करना संभव नहीं है. हालांकि पुलिस ने ये कहते हुए याचिका का विरोध किया कि वे BARC के शीर्ष अधिकारियों में से एक थे और जांच अभी जारी है.
हाल ही में दासगुप्ता और रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की 'कथित वॉट्सऐप चैट' सामने आई थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक अर्नब और दासगुप्ता, किसी वक्त टाइम्स नाऊ में एक साथ काम किया करते थे.
क्या है TRP स्कैम
कथित टीवी रेटिंग घोटाला, अक्टूबर 2020 में सामने आया था. रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल यानी BARC ने हंसा रिसर्च ग्रुप के माध्यम से एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुछ टेलीविज़न चैनल TRP नंबरों की हेराफेरी कर रहे हैं. हंसा रिसर्च के अधिकारी नितिन देवकर की शिकायत पर 6 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू की थी. हंसा BARC के वैंडर्स में से एक है. आपको बता दें कि मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने इस 'TRP घोटाला' मामले में 1400 पन्नों की एक चार्जशीट फाइल की थी जिसमें करीब 140 गवाहों के बयान भी दर्ज हैं.