पूर्व सेना प्रमुख का बयान, ट्रेन-बस फूंकने वाले लोग भर्ती योग्य नहीं
दिल्ली। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर देश के कई राज्यों युवाओं को प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. बिहार में गुस्साई भीड़ ने 3 ट्रेनों में आग लगा दी जबकि राजस्थान, बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश में जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस बीच कारगिल युद्ध के दौरान भारत की जीत की अगुवाई करने वाले पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (General VP Malik) ने अग्निपथ योजना को सही बताया और कहा कि सेना अल्पकालिक भर्ती योजना (Short-Term Recruitment Plan) के विरोध में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार गुंडों की भर्ती करने में रूचि नहीं रखती है. देश के 5 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कल गुरुवार को दिन भर हिंसा की खबरें आईं, क्योंकि सेना में जाने के इच्छुक लोगों की ओर से जोरदार प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी. प्रदर्शन की वजह से कई जगह रेल और सड़क यातायात बाधित हो गया, बसों की खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए. सत्ताधारी बीजेपी विधायक सहित कई लोगों ने नई अल्पकालिक भर्ती योजना को वापस लेने की मांग कर डाली.
इस बीच जनरल मलिक ने एक खास इंटरव्यू में एनडीटीवी को बताया, "हमें यह समझना होगा कि सशस्त्र बल एक स्वयंसेवी बल है. यह एक कल्याणकारी संगठन नहीं है और इसमें देश के लिए लड़ने वाले सबसे अच्छे लोग होने चाहिए, जो देश की रक्षा कर सकें." उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने गुंडागर्दी की, ट्रेनों और बसों को जलाया, ये वे लोग नहीं हैं जिन्हें हम सशस्त्र बलों में शामिल करना चाहेंगे." साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि ऐसे कई उम्मीदवार रहे जो "भर्ती प्रक्रिया निलंबित होने की वजह से परीक्षा पूरी नहीं कर पाए." उन्होंने कहा, "उनमें से कुछ लोग अब अधिक उम्र के हो गए होंगे. वे अग्निपथ योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. इसलिए उनकी चिंता और हताशा मैं समझ सकता हूं."
सात साल पहले "वन रैंक वन पेंशन" योजना के विरोध के दौरान पर्दे के पीछे बातचीत के लिए प्रधानमंत्री की खास पसंद, जनरल मलिक ने संकेत दिया कि सेना के उम्मीदवारों को नौकरियों की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि सरकार ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों में शामिल करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र में शामिल किया जाएगा, हालांकि अभी नौकरी की गारंटी नहीं दी जा सकती है."
जनरल मलिक ने कहा कि उनकी राय में इस योजना के कई प्लस प्वाइंट भी हैं. योजना के लागू होते ही चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि योजना को चालू होने दें. एक बार जब हमें पता चल जाए कि कमियां कहां हैं, तो सुधार किया जा सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या यह एक समस्या होगी कि बेहद हाई टेक सिस्टम को संभालने के लिए प्रशिक्षित लोग चार साल में बाहर हो जाएंगे, जनरल मलिक ने कहा कि "बेहतर शिक्षित और तकनीकी जानकार" लोगों की भर्ती पर जोर दिया जा रहा है.