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नई दिल्ली । उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साल 2020 फरवरी में हुए दंगों को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने ताहिर हुसैन पर आरोप तय किए हैं कि उसने गलत तरीके से मिले धन का इस्तेमाल दंगों के लिए किया। हालांकि ताहिर हुसैन ने अब तक अपना गुनाह कबूल नहीं किया है। कोर्ट 10 फरवरी को मामले में अगली सुनवाई करेगी।
दरअसल साल 2020 फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए थे जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। ताहिर हुसैन पर दंगे भड़काने और उनकी फंडिंग के आरोप के साथ ही अन्य कई आरोप हैं। दंगों के वक्त ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के पार्षद थे लेकिन आरोपी होने पर पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था। आपको बता दें कि ताहिर हुसैन और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 307 147 148 और 153 ए 120 बी के तहत भी आरोप कोर्ट तय कर चुकी है। आपको बता दें कि बीते साल 16 दिसंबर को कोर्ट ने 2020 में हुए दंगों के आरोपी चार लोगों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उनपर लगाए गए
आरोप संदेह से परे साबित नहीं हो पाए। कोर्ट 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में आरोपियों दिनेश यादव बाबू संदीप और टिंकू के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थी। पांच शिकायतों के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी 25 फरवरी 2020 को जौहरीपुर पुलिया इलाके में दंगा करने वाली भीड़ का हिस्सा थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा मुझे लगता है कि इस मामले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए आरोपी व्यक्तियों को इस मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।
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