विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गाँधी और भारत की विदेश नीति पर दिया बड़ा बयान
दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर निशाना साधते रहते है। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले अमेरिका के प्रेस कौन्सिल से लेकर कई विश्वविद्यालयों तक में काफ़ी कुछ बोल चुके राहुल गाँधी की अमेरिका यात्रा पर
जब एक पत्रकार ने विदेश मंत्री से राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर सवाल किया तो जयशंकर ने कहा- जब उनकी बुनी हुई कहानियां देश में नहीं चल पातीं तो वो समर्थन के लिए विदेश चले जाते हैं। उनकी (राहुल गांधी) आदत है कि जब वो बाहर जाते हैं तो देश की आलोचना करते हैं, हमारी राजनीति के बारे में टिप्पणी करते हैं।
विदेश मंत्री ने दूसरा अहम मुद्दा कोविड में भारतीयों को वापस लाने पर मोदी सरकार के शानदार काम के तौर पर गिनाते हुए कहा कि कोविड के दौरान बहुत से देशों ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। हम कोविड के दौरान फंसे हुए कम से कम 70 लाख लोगों को वापस लाए। चीन से भारत के रिश्तों पर विदेश मंत्री का मानना है कि चीन के रिश्ते रूस से कितने भी अच्छे हो जाएं, इसका भारत और रूस के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चीन के भारत के बड़े भू-भाग पर कब्जा करने वाले राहुल के दावे पर जयशंकर ने कहा- चीन 1950 से भारत की जमीन पर कब्जा कर चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी फौज LAC से पेट्रोलिंग कर बेस पर वापस चली जाती है। 2020 के बाद ये नहीं हुआ, क्योंकि चीन ने 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन कर सीमा पर सैनिकों की संख्या बहुत बढ़ा दी। इससे हमें पेट्रोलिंग कर वापस जाने की बजाय फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट करना पड़ा। अभी दोनों देशों की सेनाएं फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट पर हैं। इसी से दिक्कत आती है।
कुलभूषण जाधव के सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी की जेल में कुलभूषण जाधव और कतर की जेल में कैद नौसैनिकों का मामला एक-दूसरे से अलग है। पाकिस्तान ने कुलभूषण को किडनैप किया था। जबकि कतर का लीगल मामला है। ये हमारी सरकार के DNA में है कि हम अपने लोगों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं।
भारत को नाटो प्लस देशों में शामिल कराने की अमेरिकी सांसद की मांग पर जयशंकर ने कहा- हम किसी टैम्प्लेट में नहीं रहना चाहते हैं। ये भारत की पॉलिसी नहीं है।
ये अच्छा है कि वो हमें किसी संगठन में भागीदार बनाना चाहते हैं। वहीं, भारत और अमेरिका के रिश्तों पर उन्होंने कहा कि हमारे बीच अलग-अलग मुद्दों पर साझेदारी मजबूत हो रही है। उन्होंने भारत-रूस की करीबियों पर अमेरिका की आपत्तियों पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा- अगर अमेरिका को किसी से दिक्कत है तो वो अमेरिका की दिक्कत है। उनके लिए हम किसी देश से अपने रिश्ते नहीं बिगाड़ सकते।
जयशंकर ने पिछले हफ्ते साउथ अफ्रीका में राहुल गांधी पर कहा था - हो सकता है मैं किसी की बात से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं भारत लौटकर ही उस पर अपनी प्रतिक्रिया दूंगा। दरअसल, विदेश मंत्री BRICS देशों की बैठक के लिए साउथ अफ्रीका में है। इस दौरान उन्होंने भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात की। तब एक युवक ने राहुल का नाम लिए बिना पूछा था- कुछ लोग अमेरिका में भारत पर बयान दे रहे हैं उन पर आप क्या कहेंगे। इस पर विदेश मंत्री ने कहा था- मैं विदेश जाकर राजनीति नहीं करता हूं। हालांकि मैं भारत में बहस के लिए तैयार हूं।