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PM मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले भारत पहुंच रहे विदेशी मेहमान

Shantanu Roy
8 Jun 2024 3:20 PM GMT
PM मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले भारत पहुंच रहे विदेशी मेहमान
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कल मोदी लेंगे शपथ
New Delhi. नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को घोषणा की कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना Prime Minister Sheikh Hasina सहित उसके पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के सात देशों के नेता नौ जून को प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में हसीना और अफीफ के अलावा समारोह में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे शामिल हैं। उसने कहा, “नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है।”
भारत, ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की व्यापक नीति रूपरेखा के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “लोकसभा चुनाव 2024 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह नौ जून 2024 को निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।” इसने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के अलावा सभी नेता राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह रविवार को शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। शनिवार को हसीना के दिल्ली पहुंचने के कुछ ही देर बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारे सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक की यह यात्रा भारत-बांग्लादेश के बीच मित्रता के घनिष्ठ और गहरे संबंधों को और मजबूत करेगी।” जायसवाल ने अफीफ की भारत यात्रा का भी स्वागत किया।
उन्होंने कहा, “यह यात्रा भारत-सेशेल्स द्विपक्षीय संबंधों को और गति प्रदान करेगी।” शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नयी दिल्ली द्वारा मुइज्जू को दिया गया निमंत्रण भी भारत और मालदीव के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। चीन का समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पिछले वर्ष नवंबर से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद वहां तैनात भारतीय सेना के जवानों को अपने देश वापस जाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इस महीने की शुरुआत में भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम नागरिकों को सुरक्षा में तैनात किया गया था। क्षेत्रीय समूह दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जब उन्होंने भाजपा की भारी चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। मोदी जब 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेताओं ने भाग लिया था।
भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी कल यानी कि 9 जून रविवार शाम प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण के लिए दिल्ली में विदेशी मेहमानों का पहु्ंचना शुरू हो गया है. दूसरी ओर शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने 9 और 10 जून के लिए राष्ट्रीय राजधानी को ‘नो फ्लाइंट जोन' घोषित किया है और निषेधाज्ञा लागू की है. पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में यह कहा गया. दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनी, राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) कमांडो, ड्रोन और ‘स्नाइपर' को तैनात किया जाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन)
के सदस्य देशों की गणमान्य हस्तियों को आमंत्रित किए जाने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी ‘हाई अलर्ट' पर रहेगी. पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निषेधाज्ञा नौ और 10 जून को दो दिन तक लागू रहेगी. अरोड़ा ने आदेश में कहा, ‘‘ऐसा बताया गया है कि भारत के प्रति शत्रुता रखने वाले कुछ आपराधिक, असामाजिक तत्व या आतंकवादी आम जनता, गणमान्य व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.'' एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि यह आयोजन राष्ट्रपति भवन के अंदर होना है, इसलिए परिसर के अंदर और बाहर तीन-स्तरीय सुरक्षा होगी. ‘बाहरी घेरे' पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे, उसके बाद अर्धसैनिक बल के जवान और ‘भीतरी घेरे' में राष्ट्रपति भवन की आंतरिक सुरक्षा के जवान तैनात रहेंगे. अधिकारी ने कहा, ‘‘अर्धसैनिक बलों और दिल्ली सशस्त्र पुलिस (डीएपी) के जवानों की पांच कंपनी सहित लगभग 2500 पुलिस कर्मियों को कार्यक्रम स्थल के आसपास तैनात किए जाने की योजना बनाई गई है.''
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