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इस साल मानसून में सामान्य से बेहतर बारिश का अनुमान, स्काइमेट वेदर का पूर्वानुमान जारी

Deepa Sahu
13 April 2021 9:34 AM GMT
इस साल मानसून में सामान्य से बेहतर बारिश का अनुमान, स्काइमेट वेदर का पूर्वानुमान जारी
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मानसून

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली, वर्ष 2021 का मानसून को लेकर मंगलवार को स्काईमेट वेदर ने पूर्वानुमान जारी किया है। इसके तहत वेदर एजेंसी स्काइमेट ने बताया कि इस वर्ष सामान्य से बेहतर बारिश होने की संभावना है। इस पूर्वानुमान के अनुसार भारत के दक्षिणी पश्चिमी इलाके में इस बार जून से सितंबर महीने तक 103 फीसद बारिश होने की संभावना है। इस साल मानसून के सामान्य से बेहतर ही रहने का अनुमान जताया गया है।

जून में शुरू होगी झमाझम
स्काईमेट की माने तो इस साल जून महीने में 177 मिमी बारिश हो सकती है, जबकि जुलाई में 277, अगस्त में 258 और सितंबर में 197 मिमी बारिश होने की उम्मीद है। जून महीने में मानसून के शुरुआत में पूर्वी भारत और मध्य भारत में सामान्य रहेगा। जून के महीने में अच्छी शुरुआत होगी। इस महीने में बिहार, पश्चिम बंगाल में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
जुलाई में ऐसी पड़ेंगी फुहारें
जुलाई महीने में देखा जाए तो कर्नाटक और पश्चिमी राजस्थान में थोड़ी कम बारिश होगी, जबकि पूरे भारत में अच्छी बारिश होगी। जिन इलाकों में पिछली साल सामान्य से कम बारिश हुई थी, वहां पर इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही है। स्काईमेट वेदर के प्रेसिडेंट महेश पलावत के अनुसार, जुलाई में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्यों में अच्छी बारिश होगी। वहीं नॉर्थ ईस्ट और कर्नाटक में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। सितंबर महीने में मध्य प्रदेश और देश के पश्चिमी क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना है। प्रेसिडेंट ने बताया कि जून में अच्छे मानसून की संभावना है और मुंबई में यह अपने समय पर ही आएगा।
मानसून का हैट्रिक- सामान्य से अधिक होगी बरसात
यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून सामान्य या उससे अधिक रहेगा। अच्छी बात यह है कि पिछले साल जिन इलाकों में सामान्य से कम बारिश हुई थी, वहां पर इस बार अच्छी बारिश की संभावना है। इससे पहले भारत में वर्ष 1996 से 1998 तक लगातार सामान्य मानसून रहा। पिछले साल 2020 में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से 9 फीसद अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई वहीं 2019 में भी देश का दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य से 10 फीसद अधिक बारिश वाला रहा। मौसम एजेंसी ने आगे बताया कि पूरे मानसून के मौसम में हर महीने बारिश का अलग-अलग औसत होता है, जिसमें जून और सितंबर के महीने में बारिश का स्तर औसत से अधिक रह सकता है।
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