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छत्तीसगढ़: अबूझमाड़ के किसानों ने पहली दफा एमएसपी पर बेची उपज

jantaserishta.com
15 Feb 2023 7:01 AM GMT
छत्तीसगढ़: अबूझमाड़ के किसानों ने पहली दफा एमएसपी पर बेची उपज
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रायपुर (आईएएनएस)| छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र को दुनिया से दूर वाले इलाके के तौर पर पहचाना जाता है। वह सरकारी योजनाओं से तो दूर रहा ही है साथ में बिचौलियों के शिकार भी हुआ। पहली बार ऐसा हुआ है जब यहां के किसानों ने अपनी उपज को समर्थन मूल्य के दाम पर बेचा है। देश की आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, मगर अबूझमाड़ की स्थिति में अब बदलाव का दौर शुरु हुआ है। अबूझमाड़िया किसानों ने पहली बार समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा, इससे खेती-किसानी में उनकी रूचि बढ़ी है।
इस चालू सीजन में 720 अबुझमाड़िया किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने पर उन्हें चार करोड़ 22 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। मसाहती सर्वे नहीं होने के कारण पहले किसानों को औने-पौने दाम पर धान बिचैलियों के हाथों बेचना पड़ता था। अब उन्हें इस दिक्कत से निजात मिल गई है। शासकीय योजनाओं का लाभ उन्हें बेहतर ढंग से मिल रहा है।
गौरतलब है कि अबूझमाड़ के करीब 2500 किसानों ने राजस्व सर्वे उपरान्त मसाहती खसरा मिलने के बाद धान बेचने हेतु पंजीयन कराया।
मंत्री परिषद के निर्णय के पालन में छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग द्वारा नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वे के लिए 246 ग्रामों को अधिसूचित किया गया। इन गांवों में सम्पूर्ण ओरछा विकासखंड के 237 गांव तथा नारायणपुर विकासखंड के नौ गांव शामिल थे।
अब तक नारायणपुर जिले के 110 ग्रामों का मसाहती सर्वे किया जा चुका है। इसमें नारायणपुर विकासखण्ड के नौ और ओरछा विकासखंड के 101 गांव शामिल हैं। अब तक 7700 से अधिक किसानों को मसाहती खसरा का वितरण किया जा चुका है।
अबूझमाड़ अंचल में बहुत से किसान वर्षों से वन क्षेत्रों के भीतर काबिज भूमि पर खेती करते आ रहे थे, लेकिन इस क्षेत्र में भूमि का सर्वें नहीं होने के कारण उनके पास भूमि संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं थे। जिसके कारण वे शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे और न ही उन्हें खेती-किसानी के लिए बैंकों से ऋण मिल पाता था। सर्वे उपरांत किसानों को शासकीय योजनाओं के साथ-साथ अन्य योजनाओं का लाभ भी मिलना शुरू हो गया है।
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