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पहली बार: सबसे छोटे बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ, जानें पूरी डिटेल्स

jantaserishta.com
16 Sep 2022 7:46 AM GMT
पहली बार: सबसे छोटे बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ, जानें पूरी डिटेल्स
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | फाइल फोटो
16 महीने के डोनर बच्चे को 24 अगस्त को एम्स में ब्रेन डेड अवस्था में लाया गया था. बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने बच्चे के अंगदान करने का फैसला किया था.
नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स अस्पताल में हाल ही में पांच साल के एक बच्चे की सफल एन-ब्लॉक किडनी ट्रांसप्लांट की गई. यह देश में अब तक सबसे छोटे बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट था, जो पूरी तरह से सफल रहा. दरअसल एन-ब्लॉक किडनी ट्रांसप्लांट (En-Bloc Kidney Transplant) में मरीज की दोनों किडनियों के साथ दिल तक जाने वाली नसों (Vena Cava and Aorta) को भी बदला जाता है.
डॉक्टर्स का कहना है कि इस मामले में किडनी दान करने वाला डोनर 16 महीने का बच्चा था, जिसकी 24 अगस्त को मौत हो गई थी. जबकि बीमार बच्चे का वजन 20 किलोग्राम से भी कम था. अगर डोनर वयस्क होता है तो उसकी एक ही किडनी ली जाती है.
इस मामले में 16 महीने के डोनर बच्चे को 24 अगस्त को एम्स में ब्रेन डेड अवस्था में लाया गया था. बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने बच्चे के अंगदान करने का फैसला किया था.
एम्स के सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मंजूनाथ मारुति पॉल ने कहा, जिस बच्चे का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. वह हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला पांच साल का है. वह लंबे समय से क्रॉनिक किडनी फेलियर से जूझ रहा था. उसे जिंदा रखने के लिए तुरंत किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की जरूरत थी. बच्चे को 24 अगस्त को अस्पताल में भर्ती किया गया था और वह उसी दिन से डायलिसिस पर था.
इससे पहले बच्चे में ट्रांसप्लांट की जाने वाली दो संभावित किडनी का भी इंतजाम किया गया था लेकिन वे टेस्ट में निगेटिव निकली. इसकी सूचना बाद में नेशनल ऑर्गेन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) को दी गई.
डॉ पॉल ने कहा कि NOTTO ने बाद में पांच साल के बच्चे के लिए एन-ब्लॉक किडनी एलॉकेट की. उनकी अगुवाई में सर्जन की एक टीम ने यह ट्रांसप्लांट सर्जरी की. इस दौरान मृतक डोनर की दोनों नसों Aorta और IVC को जरूरतमंद बच्चे की नसों से जोड़ा गया.
डोनर की किडनियों के दोनों यूरेटर्स को पांच साल के बच्चे के यूरिनरी ब्लैडर से अलग-अलग जोड़े गए. बता दें कि Aorta सबसे महत्वपूर्ण खून की नली होती है, जो शरीर के बीचों बीच होती है और इसी नली के जरिए खून दिल से शरीर के बाकी हिस्सों तक पहुंचता है. वहीं, IVC शरीर की सबसे बड़ी खून की नली होती है, जो खून को शरीर के बाकी हिस्सों से दिल तक पहुंचाने का काम करती है.
डॉ. पॉल ने कहा कि सर्जरी के तुरंत बाद बच्चे को सामान्य यूरिन आया, जिससे सर्जरी सफल मानी गई. इसके बाद मरीज को आइसोलेशन वॉर्ड में सात दिनों तक रखा गया, जिसके बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. डॉक्टर का कहना है कि फिलहाल बच्चा स्वस्थ है और स्कूल जाने के लिए तैयार है.
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