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भारत में पहली बार बस ड्राइवर को मिली 190 साल की कठोर कैद की सजा, हुई थी 22 यात्रियों की मौत
jantaserishta.com
31 Dec 2021 7:31 AM GMT
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जानें पूरा मामला।
Panna Bus Accident Case: मध्य प्रदेश के पन्ना में छह साल पहले एक भीषण बस हादसे में 22 यात्री जिंदा जल गए थे. इस बस हादसे में आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश आरपी सोनकर की अदालत ने बस के ड्राइवर शमसुद्दीन को 22 यात्रियों की मौत पर कुल 190 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. ड्राइवर को प्रत्येक काउंट पर 10-10 साल की अलग-अलग सजा सुनाई गई है. बस मालिक ज्ञानेन्द्र पांडेय को भी दोषी मानते हुए 10 साल की कठोर कैद से दंडित किया गया है. दोनों सतना जिले के रहने वाले हैं. ड्राइवर शमसुद्दीन को आईपीसी की दफा 304 के भाग-2 के तहत दोषी पाया गया है.
गौरतलब है कि 4 मई 2015 में मंडला घाटी में नेशनल हाईवे पर पांडव फॉल के पास एक बस 20 फीट नीचे गिर कर पलट गई थी. अनूप ट्रेवल्स द्वारा संचालित 32 सीटों वाली बस दोपहर करीब 12 बजकर 40 मिनट पर छतरपुर कस्बे से रवाना हुई थी. एक घंटे से अधिक समय बाद बस पन्ना जिले में पांडव फॉल के पास एक पुल पर पहुंची और ड्राइवर ने अपना नियंत्रण खो दिया. इसके बाद बस करीब आठ फीट नीचे खाई में गिर गई और उसमें आग लग गई.
जिंदा जल गए थे 22 यात्री
अभियोजन के मुताबिक बस में आग लगने के कारण उसमें सवार 22 यात्री जिंदा जलकर मर गए थे. सतना के अनूप बस सर्विस की यात्री बस नंबर MP 19 P 0533 बमीठा से पन्ना की ओर आ रही थी, तब ये हादसा हुआ था. इस मामले में बस मालिक ज्ञानेन्द्र पांडेय और ड्राइवर शमसुद्दीन उर्फ जगदम्बे के खिलाफ आईपीसी की धारा 279, 304ए, 338, 304/2 और 287 तथा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 182, 183, 184 और 191 के तहत पुलिस ने अपराध दर्ज किए थे.
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