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जिले के एक गांव में 75 साल में पहली बार किसी दलित दूल्हे को घोड़ी पर पढ़कर बिंदौरी निकालना नसीब हुआ
Bharatpur: जिले के एक गांव में 75 साल में पहली बार किसी दलित दूल्हे को घोड़ी पर पढ़कर बिंदौरी निकालना नसीब हुआ. इस दौरान पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. कलेक्टर-एसपी की मौजूदगी के दूल्हे की बारात निकली. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां के दलित दबंगों से परेशान हैं और पलायन करने पर भी मजबूर हो रहे हैं.
भरतपुर के सैह गांव में मंगलवार को दलित दूल्हे की धूम-धाम से बारात निकली. ये तब हो सकता जब पूरा गांव करीब 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती से छावनी में बदल चुका था. चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद थी. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां दलित और दूसरी जातियों के बीच पुराना विवाद है. दलित समुदाय के लोगों का कहना है कि गांव के दबंगों से वे परेशान हैं.
इसी डर से आज तक कभी बारात नहीं निकाली. वहीं राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के विशेष निर्देश पर पुलिस दलित दूल्हों की धूम-धाम से बिंदौरी निकलवा रही है. इसी के तहत सैह गांव में भी जिला कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में भारी पुलिस जाब्ता के सुरक्षा घेरे में दूल्हे का बिंदौरी निकली. मंगलवार को गांव में सुमन नाम की लड़की की शादी अगरा के युवक से संपन्न हुई. इस दौरान यूपी के आगरा से बारात सैह गांव आई थी. लोगों की मानें तो गांव में ऐसा तनावपूर्ण महौल था कि एक चूक भारी पड़ सकती थी.
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