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विश्राम और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए

Sonam
4 July 2023 8:24 AM GMT
विश्राम और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए
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बात जब भी कभी टापुओं की आती है, तो दिमाग में सबसे पहले समुंदर की लहरों के बीच हरियाली से भरे स्थान की तस्वीर सामने आ जाती है। हालांकि, विविधताओं से भरे हमारे देश में ऐसी-ऐसी जगहें हैं, जहां के बारे में अब तक तमाम लोगों ने सुना भी नहीं होगा। ऐसी ही एक जगह है राजस्थान का बांसवाड़ा जिला, जिसे ‘राजस्थान के चेरापूंजी’ यानी प्रदेश के सबसे ज्यादा बारिश वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा इस जिले की खूबी यहां बहने वाली माही नदी है, जिसमें 100 से ज्यादा टापू बने हुए हैं और इन्हें 'चाचा कोटा' कहा जाता है।

माइक्रोब्लॉगिंग मंच, कू ऐप पर राजस्थान टूरिज्म ने अपनी एक वीडियो पोस्ट में इस बेहतरीन जगह की जानकारी दी है। राजस्थान पर्यटन विभाग ने अपनी इस कू पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “बांसवाड़ा के छिपे हुए रत्न- चाचा कोटा से रूबरू हों। यह एक गांव है, जो अपनी बेजोड़ सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देता है। 100 टापुओं के बीच एक नाव की लुभावनी सवारी पर निकलें और जहां तक ​​नजर जाए वहां तक ​​फैले हुए मनमोहक क्षितिज को देखें। इस जादुई स्थान में पसरी शांति को आपको परेशान नहीं, बल्कि सुकून देगी और आपके यहां के सफर को यादगार बना देगी

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, बांसवाड़ा का नाम 'बांस' या बांस के पेड़ों के कारण पड़ा था और ये पेड़ एक वक्त पर यहां काफी मात्रा में उगते थे। पहले यह जिला महारावलों के शासन वाली एक रियासत थी और बताया जाता है कि एक भील शासक बांसिया ने इस पर शासन किया था और उसके नाम पर ही इस स्थान का नाम बांसवाड़ा रखा गया था। इसके बाद बांसिया को जगमल सिंह ने पराजित कर मार डाला और फिर इस रियासत का पहला महारावल बना।

बांसवाड़ा के आसपास वाली जगहें

चाचा कोटा

माही नदी पर बने बांध के पानी में बेहतरीन खूबसूरती से भरी एक प्राकृतिक जगह है- चाचा कोटा, जो बांसवाड़ा शहर से 14 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां हरी-भरी पहाड़ियां, समुद्र तट जैसा नजारा और जहां तक नजर जाए 'हर तरफ पानी ही पानी' नजर आता है। आस-पास की ऊंची-ऊंची पहाड़ियां, रास्ते के चारों तरफ हरा-भरा माहौल, सर्पीली टेढ़ी-मेढ़ी सड़कें और झरने मिलकर इस स्थान को प्राकृतिक सुंदरता के लिहाज से बिल्कुल बेहतरीन बना देते हैं।

माही बांध

माही बजाज सागर बांध को बांसवाड़ा जिले की जीवन रेखा माना जाता है, जो क्षेत्र के कृषि और आर्थिक विकास का एक बड़ा स्रोत बन गया है। 16 दरवाजों वाला माही बांध, राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। बांसवाड़ा शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस बांध के पानी में कई पहाड़ियां आंशिक रूप से डूबी रहती हैं और छोटे टापुओं जैसा मनोरम दृश्य पेश करती हैं। यही कारण है कि इस स्थान को "सौ द्वीपों का शहर" भी कहा जाता है। बारिश के मौसम में यहां जमा अतिरिक्त पानी निकालने के लिए जब मुख्य बांध के दरवाजे खोले जाते हैं तो यह पर्यटकों के लिए एक शानदार स्थान में बदल जाता है। माही बांध वास्तव में बांसवाड़ा में पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।

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