महाराष्ट्र के पुणे में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक स्कूल में मिड डे मील में दिए जाने वाले खाने में जानवरों का खाना पहुंचा दिया गया. मामला पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के तहत आने वाले स्कूल नंबर-58 का है. यहां बच्चों के लिए मिड डे मील में खाने के लिए जब खाना मंगाया गया, तो वो खाना पहुंचा दिया गया, जो जानवरों को दिया जाता है. मामला सामने आने के बाद फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सारा सामान जब्त किया.
मिड डे मील की योजना राज्य सरकार चलाती है, जिसके तहत स्कूली बच्चों को एक वक्त का खाना मुफ्त दिया जाता है. क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से अभी स्कूल बंद हैं, इसलिए खाना बच्चों को घर पर पहुंचाया जा रहा था. इस बारे में जब पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल से बात की गई तो उन्होंने इसे शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि मिड डे मील की योजना राज्य सरकार चलाती है. म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के पास खाने को बच्चों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है. ये बहुत शर्मनाक है कि बच्चों को मिड डे मील में जानवरों का खाना दिया गया. हम मांग करते हैं कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
बता दें कि जिस स्कूल में घटना हुई है वह पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (पीएमसी) द्वारा चलाया जाता है. पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन भारत के सबसे अमीर निगमों में से एक है. पीएमसी ने इस साल 15 जनवरी तक राजस्व के तौर पर 3,285 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. ऐसे में पुणे के इस स्कूल में मिड डे मील में दिए जाने वाले खाने में जानवरों का खाना पहुंचना अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है. हालांकि, इस मसले पर पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के मेयर मुरलीधर मोहोल का कहना है कि मिड-डे मील योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित होती है. पुणे नगर निगम केवल छात्रों के बीच मिड डे मील के वितरण के लिए जिम्मेदार है.
उधर, लोकल एक्टिविस्ट द्वारा इस मामले को सामने लाने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अधिकारियों ने पुणे स्कूल में भेजे गए जानवरों के खाने को जब्त कर लिया है.