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चारा घोटाला मामले
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: रांची, चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के जेल से बाहर आने की सारी अटकलें दूर हो गई हैं। अब लालू प्रसाद यादव को जेल की कस्टडी से कर दिया गया है। जेल आइजी वीरेंद्र भूषण ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि लालू एम्स के चिकित्सकों की सलाह पर ही बाहर निकलेंगे। इससे पूर्व रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (जेल) के अधीक्षक की ओर से एम्स को पत्र भेजा गया।
इसमें कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के साथ लालू को रिलीज करने का अनुरोध किया गया है। गुरुवार को जेल अधीक्षक हामिद अख्तर की ओर से एम्स के निदेशक व अधीक्षक को एक पत्र भेजा गया है। इसमें हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सह अपर न्यायायुक्त रांची द्वारा जारी रिलीज ऑर्डर का हवाला देते हुए लालू को मुक्त करने के लिए कहा गया है।
इसमें उल्लेख किया गया है कि पिछले 23 जनवरी 2021 से एम्स नई दिल्ली में इलाजरत उच्च श्रेणी सजयाफ्ता बंदी लालू यादव को जेल की अभिरक्षा से मुक्त किया जाए और जरूरत पड़ने पर सामान्य नागरिक की तरह एम्स में उनका इलाज किया जाए। इस पत्र को जेल अधीक्षक की ओर से एम्स के लिए स्पीड पोस्ट कर दिया गया। एम्स को स्पीड पोस्ट मिलते ही लालू जेल अभिरक्षा से मुक्त कर दिए गए। बताते चलें कि लालू की तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें रांची जेल प्रशासन की ओर से एम्स भेजा गया था। वे पिछले 23 जनवरी 2021 से एम्स में इलाजरत हैं।
18 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत
विदित हो कि लालू प्रसाद यादव को बीते 18 अप्रैल को झारखंड के हाई कोर्ट ने चारा घोटाला के दुमका कोषागार मामले में जमानत दे दी। इसके साथ उन्हें चारा घोटाला के उन तीनों मामलों में जमानत मिल गई है, जिनमें वे सजायाफ्ता हैं। चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार का एक और मुकदमा फिलहाल निचली अदालत में लंबित है।
23 दिसंबर 2017 से रांची जेल में हैं लालू प्रसाद यादव
चारा घोटाला के तीन मामलों में सजा पाए लालू प्रसाद यादव बीते 23 दिसंबर 2017 से रांची के होटवार जेल में हैं। उन्हें आधी सजा पूरी कर लेने के तर्क पर सशर्त जमानत मिली है। कोर्ट ने लालू पर जमानत के दौरान हाई कोर्ट से आदेश लिए बगैर देश से बाहर जाने तथा अपना मोबाइल नंबर और पता नहीं बदलने की शर्त रखी है।
Deepa Sahu
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