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असम के 20 जिलों में बाढ़ का कहर, जिंदगियां हुईं प्रभावित

jantaserishta.com
17 May 2022 4:39 AM GMT
असम के 20 जिलों में बाढ़ का कहर, जिंदगियां हुईं प्रभावित
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गुवाहाटी: असम में मूसलाधार बारिश और बाढ़ (Assam flood) ने कहर बरपा रखा है। असम से 20 जिलों में करीब दो लाख लोग मूसलाधार बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं करीब 222 से ज्यादा गांव बाढ़ में घिर गए हैं। साथ ही काफी मात्रा में गांवों में लैंडस्लाइड भी हुआ हैं। अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। कछार जिला सबसे ज्‍यादा प्रभावित है। 33 हजार लागों को सुरक्षित कैंप में पहुंचाया गया है।

ताजा बुलेटिन के अनुसार दीमा हसाओ पर्वतीय जिले का संपर्क देश के शेष हिस्सों से टूट गया है। इसके अनुसार कछार जिले में बाढ़ से तीन लोगों की मौत हुई, जबकि इससे पहले, भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ में तीन लोगों की मौत हुई थी। खबरों की मानें तो अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। बरोरार वहीं कई जगह सड़कें बह गई हैं और पटरियां पानी में डूब गई हैं। इसके साथ ही कई ट्रेनें बीच रास्ते में ही अटक गईं। जिसके बाद यात्रियों को निकालने के लिए वायुसेना की मदद लेनी पड़ी है। सेना को भी राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।
असम के कछार जिले में बारिश और बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। ASDMA के हवाले से TOI ने बताया है कि जिले के 138 गांवों में 41 हजार से ज्यादा लोग बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की चपेट में आए 1685 लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है। इसके साथ ही जिले की 2 हजार से ज्यादा एकड़ में फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। असम के नगांव जिले के कामपुर में भी बाढ़ का पानी घुसने से हालात काफी बिगड़ गए हैं। वहीं कोपली नदी का पानी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। आलम यह है कि नदी का पानी 20 जुलाई 2004 के अपने उच्चतम स्तर 61.79 मीटर को भी पार कर गया है।
असम के होजाई, लखीमपुर और नौगांव जिले में सड़कों, पुलों और नहरों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ की वजह से हजारों जानवर भी प्रभावित हुए हैं। 200 से ज्यादा घरों को अब तक नुकसान होने की खबरें हैं। बराक वैली से रेल और रोड संपर्क को भारी नुकसान पहुंचा है। 76 किलोमीटर के स्ट्रेच में 26 जगहों पर पटरियां और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भारी बारिश के चलते जहां 17 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है तो वहीं दो ट्रेनें सस्पेंड भी की गई हैं। आलम यह है कि भारी बारिश और तूफान के चलते हजारों यात्री जहां-तहां फंसे हुए हैं, जिन्हें बसों और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से निकाला जा रहा है।
कछार इलाके में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से सिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस बीच रास्ते में ही अटक गई थी। इसकी वजह से सैंकड़ो यात्री घंटों तक फंसे रहे। दितोकचेरा रेलवे स्टेशन पर भी भूस्खलन और बाढ़ में बहुत से यात्री घिर गए। सिलचर में जिला प्रशासन ने भारतीय वायुसेना की मदद लेकर 119 रेल यात्रियों को बचाया। रेलवे के जारी बयान के मुताबिक दितोकचेरा स्टेशन पर फंसे करीब 1200 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकालकर बदरपुर और सिलचर लाया गया।
ASDMA के सीईओ जीडी त्रिपाठी ने बताया कि बारिश और बाढ़ के कारण नुकसान की रिपोर्ट्स जिलों से मंगवाई जा रही हैं। दीमा हसाओ के अलावा पांच अन्य जिलों से भी बाढ़ की खबर है। ASDMA के मुताबिक बाढ़ और बारिश से तबाही को देखते हुए दो जिलों में दस राहत शिविर लगाए गए हैं। इनमें 227 से ज्यादा लोगों ने शरण ले रखी है। राज्य के बारिश और बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को मदद और बचाव कार्यों में सेना और अर्धसैनिक बलों को भी लगाया गया है। इसके अलावा राज्य आपदा नियंत्रण विभाग, दमकल और इमरजेंसी सेवाओं के सैकड़ों कर्मचारी भी दिन रात राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
केरल में मौसम विभाग द्वारा अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान लगाए जाने के बाद यहां के पांच जिलों एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, कोझीकोड और कन्नूर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सोमवार को मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही कोल्लम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मलप्पुरम, वायनाड, कासरगोड जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट और तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया।
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