मछली और सुअर पालक की कस्टडी में मौत, सीने में उठा दर्द और तोड़ा दम
यूपी। लखनऊ में दर्ज एनडीपीएस के मुकदमे में वांछित युवक को एसटीएफ ने सांगीपुर के लखहरा गांव स्थित उसके घर से रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया। घर से निकलते ही उसकी हालत बिगड़ गई। एसटीएफ के लोग उसे लालगंज ट्रामा सेंटर ले गए। वहां से मेडिकल कॉलेज लाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। आरोपी की बेटी ने एसटीएफ टीम पर आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल का पर्चा और दवाएं दिखाने के बावजूद उन्होंने आरोपी की तबीयत का ख्याल नहीं रखा। उसे जबरन लेकर चलेे गए जिसकी वजह से उसकी जान चली गई।
लखहरा गांव निवासी अजय सिंह उर्फ शक्ति सिंह (उम्र 45 वर्ष) करीब पांच साल पहले दिल्ली से आकर घर रहने लगा। यहां वह मछली और सुअर पालन का काम करता था। रविवार शाम करीब चार बजे लखनऊ एसटीएफ की टीम उसके घर पहुंची। लखनऊ में दर्ज एनडीपीएस के एक मामले में उसे वांछित बताते हुए गिरफ्तार कर लिया।
सांगीपुर से उसे गाड़ी में बैठाकर निकलते ही उसके सीने में दर्द होने लगा तो उसे लालगंज ट्रामा सेंटर ले जाया गया। वहां से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन उसकी मौत हो गई। एसटीएफ के लोग शव पोस्टमार्टम हाउस भेजकर चले गए। परिजनों को घटना की जानकारी देर से हुई तो वे अजय के बीमार होने की स्थिति में एसटीएफ पर जबरन ले जाने का आरोप लगाने लगे।
एसटीएफ की हिरासत में अजय सिंह की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। अजय की पत्नी चंद्रा और दो बेटियां घर पर मौजूद थीं। जबकि दो बेटियां दिल्ली में रह रही हैं। अजय के दूसरे नंबर की बेटी अम्मू ने बताया कि उसके पिता का कोरोना काल में हार्ट का ऑपरेशन हुआ था। एसटीएफ के लोगों को उसने ले जाने से रोका। बताया कि उसके पिता के हार्ट का ऑपरेशन हुआ है। उन्हें हॉस्पिटल का पर्चा और दवाएं भी दिखाई। एसटीएफ के लोग फिर भी नहीं माने। दवा और पर्चा लेकर उन्हें गाड़ी में बैठाया और चले गए। अम्मू ने कहा कि एसटीएफ के लोग उसकी गुहार सुन लेते तो उसके पिता आज जिन्दा होते।