केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लगभग 77 लाख लोग जिनके पास कोई वैध पहचान पत्र (आईडी) नहीं था, उन्हें कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। इसी के साथ 14.55 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली और दूसरी दोनों डोज लगाई जा चुकी है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने केंद्र के हलफनामे पर गौर करते हुए कहा कि हलफनामे के अनुसार बिना पहचान पत्र के केवल 4.82 लाख लोगों को टीका लगाया गया है।
बेंच ने केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी से कहा कि हलफनामे में बताया गया है कि केवल 4,82,000 लोगों को बिना किसी पहचान पत्र के टीका लगाया गया है। क्या यह बहुत छोटी संख्या नहीं है? जिसपर एएसजी भाटी ने स्पष्ट किया कि बेंच जिस हलफनामे का जिक्र कर रही है, वह अगस्त 2021 में दायर किया गया था और अब आंकड़े अपडेट कर दिए गए हैं। ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक बिना आईडी कार्ड वाले 77 लाख लोगों को पहली खुराक दी गई है और 14.55 लाख को वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। शीर्ष अदालत ने एएसजी को अपडेट आंकड़े के साथ एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।
साथ ही यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने मामले में कोई हलफनामा क्यों नहीं दायर किया और उसे अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को तीन हफ्ते के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया। इससे पहले शीर्ष अदालत ने पूरे भारत में COVID-19 महामारी के बीच बेघर, भिखारियों और आवारा लोगों के टीकाकरण और पुनर्वास की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था।