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गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पहली मौत: GBS का कहर, बढ़ी चिंता
jantaserishta.com
27 Jan 2025 4:04 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
महंगा है इलाज.
नई दिल्ली: GBS यानी गिलियन बार सिंड्रोम के मरीजों की संख्या पुणे में 100 को पार कर गई है। वहीं, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को एक मौत की भी जानकारी दी है, जिसकी वजह GBS हो सकती है। इधर, राज्य सरकार ने पुणे के कुछ इलाकों को लेकर ऐलान कर दिया है कि यहां के रहवासियों का इलाज मुफ्त किया जाएगा। खास बात है कि GBS का इलाज बहुत महंगा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 28 और मरीजों में GBS की पुष्टि होने के साथ ही आंकड़ा 101 पर पहुंच गया है। वहीं, संदिग्ध मौत सोलापुर में हुई है। फिलहाल, 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और 23 मामले ऐसे हैं, जहां मरीजों की उम्र 50 से 80 वर्ष की है। 9 जनवरी को अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों को पुणे क्लस्टर का पहला मामला माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, जांचों से पता चला है कि अस्पताल में भर्ती हुए कुछ मरीजों में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया मिला है। कहा जा रहा है कि दुनियाभर के सभी GBS मामलों में से एक तिहाई की वजह सी जेजुनी है। साथ ही इसके चलते कई गंभीर संक्रमण भी हो रहे हैं। फिलहाल, अधिकारी खासतौर से उन इलाकों में पानी के नमूने जुटा रहे हैं, जहां मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं।
शनिवार को खड़कवासला बांध के पास एक कुएं में बैक्टीरियम ई कोली की मात्रा ज्यादा मिली, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस कुएं का इस्तेमाल होता है या नहीं। रहवासियों से पानी को उबालकर पीने और भोजन को गर्म कर खाने की सलाह दी गई है। खबरें हैं कि इसके इलाज में उपयोग किए जाने वाले IVIG इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपये है।
अखबार के अनुसार, 16 जनवरी को अस्पताल में भर्ती हुईं एक 68 साल की महिला के रिश्तेदार ने बताया है कि इलाज में कुल 13 इंजेक्शन का इस्तेमाल हुआ है।
रविवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, 'GBS के बारे में मुझे पता चला कि इस विशेष बीमारी का इलाज महंगा है, इसलिए मैंने जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की और नागरिकों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का फैसला किया। पिंपरी चिंचवाड़ जिले के प्रभावित लोगों का इलाज YCM अस्पताल में किया जाएगा...।'
उन्होंने आगे कहा, 'पुणे नगर निगम क्षेत्र के मरीजों का इलाज पुणे शहर के कमला नेहरू अस्पताल में किया जाएगा... नागरिकों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी है... मुझे पता चला है कि इस विशेष बीमारी के इलाज के लिए इंजेक्शन बहुत महंगे हैं... इसलिए हमने आज ये दो फैसले लिए। मुंबई लौटने के बाद हम ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए आगे के फैसले लेंगे, जिनका इलाज पुणे में सरकारी ससून अस्पताल में मुफ्त में किया जा सकता है...।'
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