बिहार के मुज़फ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां के सदर अस्पताल में अपनी बेटी को कंधे पर लटकाए एक पिता घंटों घूमता रहा लेकिन उसकी बेटी को इलाज नहीं मिला और कंधे पर ही बेटी ने दम तोड़ दिया. मुज़फ्फरपुर के सदर अस्पताल में 1 जून को मुसहरी प्रखंड के रघुनाथपुर निवासी संजय राम अपने 8 वर्षीय बेटी को कंधे पर लेकर इलाज कराने सदर अस्पताल आया था. बच्ची के गले मे लीची का बीज अटक गया था जिसका इलाज करवाने संजय सदर अस्पताल आया लेकिन सदर अस्पताल में उसे कोरोना टेस्ट सर्टिफिकेट लाने के नाम पर घंटों इमरजेंसी से इधर-उधर चक्कर कटवाए गए और बच्ची की मौत हो गई.
बच्ची की मौत के बाद वह बच्ची को कंधे पर लेकर ही रोने लगा. यह वीडियो किसी ने बनाकर वायरल कर दिया. जब यह वीडियो आजतक टीम के पास आया तो सबसे पहले पता करके मृतक बच्ची के घर मुसहरी प्रखंड के रघुनाथपुर गांव गए जहां उसके पिता संजय से मुलाकात हुई. फिर बच्ची के पिता ने रोते हुए सारी घटना बताई. संजय ने बताया कि उसकी बच्ची लीची खा रही थी जिसका बीज गले में अटक गया. उसे दिखाने सदर अस्पताल गए थे लेकिन कोरोना रिपोर्ट के लिए इधर-उधर घंटों दौड़ाते रहे और इसी बीच हमारी बच्ची की मौत हो गई.
वहीं, इस लापरवाही पर सिविल सर्जन डॉक्टर एसएन चौधरी ने बताया कि एक 8 वर्षीय बच्ची की मौत की जानकारी मिली है जबकि इमरजेंसी पेशेंट का इलाज पहले शुरू करना होता है फिर कोई रिपोर्ट कराई जाती है. इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. जांच रिपोर्ट आने पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि इस घटना के मीडिया में आने के बाद सिविल सर्जन जांच और कार्रवाई की बात कह रहे हैं. भले ही इस मामले में कार्रवाई हो लेकिन इस लापरवाही में एक मासूम की जान चली गई जो वापस नहीं लौट सकती.