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दुनिया में पहला केस: भारत में व्हाइट फंगस की वजह से आंतों में हो गया छेद, देखें वीडियो
jantaserishta.com
27 May 2021 4:42 AM GMT
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कोरोना महामारी के बीच देश में ब्लैक और व्हाइट फंगस के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. राजधानी दिल्ली में व्हाइट फंगस का एक मामला सामने आया है, जिसमें फंगस के कारण महिला की आंतों में छेद हो गए. व्हाइट फंगस के कारण शरीर को पहुंचे इस तरह के नुकसान का ये दुनिया में पहला केस है.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल द्वारा इस मामले को लेकर जानकारी दी गई है. अस्पताल के मुताबिक, 49 साल की एक महिला 13 मई 2021 को सर गंगा राम अस्पताल के इमरजेंसी में लाई गई थीं. तब उसके पेट में असहनीय दर्द था एवं उल्टियों के साथ वह कब्ज़ से पीड़ित थी. महिला कैंसर से पीड़ित थी और कुछ वक्त पहले ही उसकी कीमोथेरेपी भी हुई थी.
जब अस्पताल में उसका सीटी स्कैन किया गया, तो आंतों में छेद होने का पता लग पाया. अस्पताल में चार घंटे चली सर्जरी के बाद महिला की फ़ूड पाइप, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में हुए छेदों को बंद कर दिया एवं द्रव्य लीक को रोक दिया.
अस्पताल के डॉ. अनिल अरोड़ा के मुताबिक, "आंत से निकाले गए टुकड़ों की बायोप्सी से हमें पता चला कि आंतों में व्हाइट फंगस है जिसने आंतों के अंदर खतरनाक फोड़ेनुमा घाव कर दिए थे जिसकी वजह से खाने की पाइप से लेकर छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद हो गए थे.
डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, स्टेरॉयइड के इस्तेमाल के बाद ब्लैक फंगस के द्वारा आंत में छेद होने के कुछ मामले हाल ही में सामने आए हैं. लेकिन व्हाइट फंगस द्वारा कोविड-19 इन्फेक्शन के बाद खाने की नली, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद करने का मामला यह विश्वभर में पहला है.
इतना ही नहीं, जांच में पता चला कि मरीज की कोविड-19 एंटीबॉडी लेवल भी बढ़े हुए थे. खून की जांच करने पर शरीर के अंदर व्हाइट फंगस बढ़ा हुआ मिला. अभी इस वक्त मरीज सर्जरी के बाद ठीक है और कुछ दिनों के बाद उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी जाएगी.
गौरतलब है कि देश में इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, इसका असर कुछ कम हुआ है. लेकिन इस बीच व्हाइट फंगस और ब्लैक फंगस के मामलों में काफी तेज़ी आई है. दिल्ली के भी कई अस्तपालों में मामले दर्ज किए गए हैं. कई राज्य सरकारों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है.
कोविड -19 मरीज में व्हााइट फंगस (कैंडिडा) द्वारा फ़ूड पाइप, छोटी आंत एवं बड़ी आंत में छेद करने का विश्व का पहला केस
— Nitendra Singh नितेन्द्र सिंह (@Nitendradd) May 27, 2021
गंगा राम अस्पताल pic.twitter.com/5rULhaTako
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