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अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता की गाड़ी पर फायरिंग, मचा हड़कंप

jantaserishta.com
25 Jan 2025 3:51 AM GMT
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता की गाड़ी पर फायरिंग, मचा हड़कंप
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नई दिल्ली: राजस्थान के अजमेर में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर शनिवार सुबह फायरिंग किए जाने की खबर है. गनीमत रही कि गोली उनको नहीं लगी और वो बच गए. गुप्ता अजमेर से दिल्ली जा रहे थे. इसी दौरान घटना होना सामने आया है.
मामला गेगल थाना क्षेत्र का है. गुप्ता ने दावा किया है कि उनकी कार पर फायरिंग की गई है. सूचना मिलने पर एसपी वंदिता राणा समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक, गुप्ता की कार पर फायर शॉट भी नजर आ रहा है. पुलिस की टीम गोली का खोखा तलाशने में जुटी हैं और गुप्ता से घटना के संबंध में जानकारी ली है.
घटना के बारे में जानकारी देते हुए विष्णु गुप्ता ने कहा कि अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर मामला गरमा गया है. इस विवाद की सुनवाई 24 जनवरी को अजमेर के सिविल न्यायालय में हुई है. परिवादी विष्णु गुप्ता ने आज जिला एवं सेशन न्यायाधीश के समक्ष सुरक्षा की अर्जी दी. गुप्ता ने लगातार मिल रही धमकियों को लेकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की थी.
उनका (विष्णु गुप्ता) कहना है कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान परिसर के भीतर और बाहर भारी भीड़ इकट्ठा होती है, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने अदालत से विशेष सुरक्षा इंतजाम करने का अनुरोध किया है. अदालत परिसर में माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन से विशेष सुरक्षा प्रबंध किए जाने की संभावना है. यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा होने के कारण संवेदनशील माना जा रहा है. प्रशासन और न्यायपालिका पर इसे निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से निपटाने का दबाव है. मामले की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
बताते चलें कि विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा किया था. इस संबंध में उन्होंने पिछले साल अजमेर जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में उन्होंने दावा किया कि दरगाह का निर्माण शिव मंदिर की जगह पर किया गया है. उन्होंने सर्वे कराए जाने की भी मांग की है. अदालत ने 27 नवंबर 2024 को दरगाह को मंदिर घोषित करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार किया था और अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और एएसआई को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था.
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