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असम-मेघालय सीमा पर गोलीबारी : एनएचआरसी ने निवारण के लिए सुझाव मांगे

Nilmani Pal
30 Nov 2022 1:10 AM GMT
असम-मेघालय सीमा पर गोलीबारी : एनएचआरसी ने निवारण के लिए सुझाव मांगे
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दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने असम-मेघालय सीमा पर 22 नवंबर को हुई गोलीबारी की घटना का संज्ञान लिया है और केंद्रीय गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव से दो राज्यों के बीच विवाद वाले क्षेत्रों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दो सप्ताह के भीतर उपाय सुझाने को कहा है। 22 नवंबर की घटना में मेघालय के पांच ग्रामीणों और असम के एक वन रक्षक की मौत हो गई थी और दो अन्य नागरिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

एनएचआरसी ने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा द्वारा सौंपे गए एक ज्ञापन का संज्ञान लिया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि नवंबर में पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव में असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा की गई गोलीबारी में एक असम वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। मंगलवार को एक बयान में कहा गया है कि आयोग को ऐसा लगता है कि यह घटना दो राज्यों असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद के कारण हुई है, जो एक बड़ा मुद्दा है और लंबे समय से लंबित है। इसमें कहा गया है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इस विवाद का समाधान हो जाता तो यह घटना टल जाती।

एनएचआरसी ने कहा, "राज्यों के बीच जो भी विवाद हो, पुलिस को ऐसी स्थितियों में संयम बरतना होगा।" आयोग ने मेघालय के मुख्यमंत्री का ज्ञापन गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव को भेज दिया है। बयान में कहा गया है, "उन्हें तंत्र की जांच और विकास करना है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाने हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद है। जवाब दो सप्ताह में मिलने की उम्मीद है।"

एनएचआरसी ने कहा कि कथित तौर पर असम पुलिस और असम वन रक्षकों द्वारा लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक का पीछा करने के बाद यह घटना हुई। इन बलों द्वारा ट्रक को मुकरोह व में घेर लिया गया था। ग्रामीण अपने गांव में असम पुलिस के प्रवेश से आक्रोशित हो गए। बयान में कहा गया है कि उन्होंने असम पुलिस और असम वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी हुई। घटना में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य चार गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से दो ग्रामीणों ने दम तोड़ दिया।

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