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बीएचयू कैंपस में अभी 22 फरवरी से अंतिम वर्ष की कक्षाएं चलनी हैं और 17 फरवरी से हॉस्टल का संचालन होना है
बीएचयू कैंपस में अभी 22 फरवरी से अंतिम वर्ष की कक्षाएं चलनी हैं और 17 फरवरी से हॉस्टल का संचालन होना है, लेकिन इसके पहले से ही मारपीट जैसी घटनाएं शुरू होने लगी हैं। गुरुवार को बिड़ला-सी हॉस्टल में छात्रों के दो गुटों में मारपीट और फायरिंग से हड़कंप मच गया। घटना में एमपीएड का एक छात्र घायल हुआ है, जिसका इलाज चल रहा है।
उधर, घटना के विरोध में छात्रों ने मुख्य द्वार को बंद कर धरना शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आनंद चौधरी के साथ ही पुलिस के आला अधिकारी भी छात्रों को मनाने में लगे हैं, लेकिन छात्र तुरंत कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
विश्वविद्यालय के बिड़ला-सी हॉस्टल में एमपीएड के छात्र मुकेश पांडेय की गुरुवार की शाम मामूली बात को लेकर एक अन्य छात्र से कहासुनी हुई। बताया जा रहा है कि विवाद इतना बढ़ गया कि हाथापाई शुरू हो गई। वहां मौजूद कुछ अन्य छात्र अभी बीच-बचाव करने आते कि इसी बीच लगातार तीन गोलियों की आवाज सुन सब दहशत में आ गए।
किसी तरह जान बचाकर हॉस्टल की ओर छात्र भागने लगे। सूचना पाकर जब तक प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम पहुंचती, तब तक गोली चलाने वाला भाग गया था। घायल छात्र मुकेश पांडेय ने लंका पुलिस को तहरीर भी दी है।
इसमें बताया कि गोली मारने की कोशिश की गई, लेकिन किसी तरह जान बचाकर भागा तो बंदूक की मुठिया से ही सिर पर हमला किया गया। फिलहाल उसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। उधर, छात्र पर हमले के विरोध में हॉस्टल के अन्य छात्र गेट बंदकर धरने पर बैठ गए। एहतियातन पुलिस और पीएसी के जवान गेट पर मुस्तैद रहे।
बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. आनंद चौधरी ने कहा कि छात्रों के दो गुटों में आपसी विवाद की घटना है। इसमें घायल छात्र का आरोप है कि उस पर जानलेवा हमले की साजिश के तहत गोली भी चलाई गई। घटना से पुलिस को अवगत करा दिया गया है। मामले की जांच चल रही है। धरने पर बैठने वाले छात्रों को समझाया जा रहा है।
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