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उत्तराखंड के जंगल में अभी तक धधक रही आग, SC ने EC को दिया ये निर्देश
Shantanu Roy
15 May 2024 11:10 AM GMT
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उत्तराखंड। उत्तराखंड के जंगल अभी भी धधक रहे हैं. इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड सरकार जंगल में लगी आग बुझाने में गंभीरता और शीघ्रता दिखाए. इस बाबत राज्य सरकार का रवैया त्वरित कार्रवाई का नहीं दिखा. वन विभाग के कर्मचारियों को चुनाव और चारधाम यात्रा से अलग किया जाए. हम निर्वाचन आयोग को भी निर्देश देते हैं कि राज्यों में वन विभाग के कर्मचारी और वाहन चुनावी ड्यूटी में नहीं लगाए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेशनल और स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड का शीघ्र और सूझबूझ के साथ इस्तेमाल हो. आग बुझाने के लिए समुचित वर्कफोर्स मुहैया कराई जाए. इसमें किसी तरह की बाधा न हो. वन विभाग में खाली पदों पर भर्तियां जल्द की जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. 17 मई को होने वाली अगली सुनवाई में चीफ सेक्रेटरी को कोर्ट मे पेश होकर उत्तराखंड में फायर डिपार्टमेंट में खाली जगह को न भरने की वजह और वहां लगी आग बुझाने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार ने 9.23 करोड़ रुपए मंजूर किए थे, उनका इस्तेमाल गैर वन गतिविधियों में किया गया. केंद्र सरकार बाकी बची रकम करीब 6 करोड़ रुपए राज्य सरकार को मुहैया कराए. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार बताए कि वन विभाग में कितने पद खाली हैं? उन पर भर्ती कब तक होगी? कोर्ट ने कहा कि हमने देखा है कि अव्वल तो राष्ट्रीय और राज्य के आपदा प्रबंधन कोश के बावजूद फंड नहीं मिला, कर्मचारी और वाहन नहीं मिले और आग बढ़ती रही. खाली पदों पर भर्ती को लेकर राज्य सरकार ने थोड़ी रियायत चाही. उत्तराखंड में नवंबर से लेकर अब तक 9 सौ से ज्यादा आग लगने की घटनाएं हो चुकीं. इस बार मामला ज्यादा गंभीर है क्योंकि पिछले साल से लगी आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही. आंकड़ों के अनुसार पिछले छह महीनों में वाइल्डफायर की वजह से 1,145 हेक्टेयर जंगल खाक हो चुका. आग अब शहर पर भी असर डाल रही है. धुएं से दिखाई देना कम हो चुका. इस बीच तमाम कोशिशें हो रही हैं. यहां तक कि एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर भी अलग तकनीक से आग बुझाने में लगे हुए हैं।
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