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आग और पानी तो साथ नहीं रह सकते...हाईकोर्ट से चौंकाने वाला मामला

jantaserishta.com
30 May 2024 1:11 PM GMT
आग और पानी तो साथ नहीं रह सकते...हाईकोर्ट से चौंकाने वाला मामला
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अहम फैसला सुनाया है।
पणजी: एक दंपति के बीच 15 सालों से चल रहे घरेलू हिंसा के केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने पति गौरव गुप्ता को आदेश दिया है कि वह पत्नी राधिका को 200 वर्ग मीटर का एक घर रहने के लिए अलग से मुहैया कराए। अदालत ने दोनों के बीच रिश्ते बेहद खराब होने के चलते साथ रहने को एक-दूसरे के लिए पीड़ादायक बताते हुए कहा कि आग और पानी तो साथ नहीं रह सकते। यह मामला 15 सालों से चला आ रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस जितेंद्र जैन की बेंच ने कहा कि यह प्रस्ताव एक समझौते के तहत है, जिस पर दोनों पक्ष सहमत हो सकते हैं।
अदालत ने कहा कि पति और पत्नी के बीच बीते 15 सालों से झगड़ा चल रहा है। हालत यह है कि दोनों एक-दूसरे को देखना तक नहीं चाहते। हाई कोर्ट ने कहा, 'ऐसी स्थिति में एक ही छत के नीचे रहने किसी के भी हित में नहीं है। इस कोर्ट का यह मत है कि यदि एक ही छत के नीचे रहते हैं तो फिर दोनों ज्यादा तनाव में रहेंगे। हिंदी में एक कहावत है ना कि आग और पानी साथ में नहीं रह सकते।' इस मामले में पति और उसके माता-पिता ने अदालत से कहा था कि हम उस थ्री-बीएचके फ्लैट को खरीद सकते हैं, जिसमें फिलहाल राधिका रहती हैं। इस फ्लैट में राधिका तब कर रह सकेंगी, जब तक कि यह मामला चल रहा है।
इस पर राधिका ने कहा कि मैं तभी सहमति दूंगी, जब कम से कम 200 वर्ग मीटर का विला पूरी तरह से फिनिश हो और उसे रहने के लिए दिया जाए। दोनों पक्षों को अदालत ने आपसी समझौते का भी मौका दिया, लेकिन बात नहीं बन सकी। इसके बाद कोर्ट ने अपनी ओर से यह आदेश दिया। अब अदालत ने आदेश दिया है कि पति गौरव गुप्ता उसी इलाके में एक फ्लैट खरीद सकते हैं, जहां राधिका रहती हैं। इस फ्लैट को वह खरीदकर रहने के लिए राधिका को देंगे। वह तभी तक इस फ्लैट में रहेंगी, जब तक विवाद का निपटारा नहीं होगा। इसके अलावा फ्लैट पर मालिकाना हक गौरव गुप्ता का होगा।
यही नहीं अदालत ने पति को आदेश दिया है कि वह राधिका को फ्लैट के अलावा 30 लाख रुपये और देंगे। ऐसा इसलिए होगा ताकि वे फ्लैट को अपने इस्तेमाल के लिए अच्छे से तैयार करा सकें। यही नहीं उस फ्लैट का तब तक मेंटनेंस भी करवाना होगा, जब तक कि विवाद का निपटारा नहीं हो जाता। शादी के शुरुआती दौर में दोनों परिजनों के साथ ही रहते थे। फिर दोनों उत्तरी गोवा के पोरवोरिम में शिफ्ट हो गए थे। यहां दोनों मतभेद पैदा हुए तो पति अलग हो गए, जबकि राधिका उसी फ्लैट में रहने लगीं, जहां अभी हैं। इस फ्लैट का रेंट अग्रीमेंट खत्म हुआ तो पति ने किराया देना बंद कर दिया। उनके लिए रहने की समस्या हुई तो उन्होंने अदालत का रुख किया था।
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