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अवैध टीकाकरण कैंप से आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज

Deepa Sahu
6 Jun 2021 5:26 PM GMT
अवैध टीकाकरण कैंप से आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज
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आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपनी जांच में पुष्टि कर दी

आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपनी जांच में पुष्टि कर दी कि ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रींस सोसाइटी में कोरोना टीकाकरण के नाम पर जो कैंप लगाया गया था, वह पूर्णत: अवैध था। बगैर अनुमति के देश के सबसे महत्वपूर्ण टीकाकरण कैंप को आयोजित कराने और लापरवाही बरतने पर आयोजकों के खिलाफ बीटा थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। पूरे देश में यह पहला मामला है जब कोविड टीकाकरण कैंप की संदिग्धता पर एफआईआर दर्ज हुई है।

सीएमओ, एसडीएम और एसीपी की संयुक्त जांच करने वाली टीम ने पाया कि मई के अंतिम सप्ताह में लगाए गए टीकों की वायल का बैच नंबर अलीगढ़ के नाम पर अलॉट था। जांच में यह पुष्टि नहीं हो सकी कि कैंप में 187 लोगों को लगाए गए सभी टीके वास्तव में असली थे या उनमें पानी भरा था। यह पुष्टि इसलिए नहीं हो सकी कि जो वायल टीका लगाने के बाद तीन दिनों तक बचा कर रखनी जरूरी होता है वो नष्ट कर दिया गया। पूरे मामले की जांच रिपोर्ट नोएडा के जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। इस बात की जानकारी मामले की जांच कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोएडा डॉक्टर दीपक ओहरी ने दी।
सीएमओ बोले-आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश
इस पूरे मामले की जांच कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ने बताया कि उनकी टीम शनिवार रात और रविवार सुबह जेपी ग्रीन सोसाइटी में जांच करने गई थी। उन्होंने पाया कि जो टीकाकरण कैंप (कोवाक्सिन) का जेपी ग्रींस सोसाइटी में कराया गया, वो पूरी तरह से अवैध था। सीएमओ के मुताबिक यह संदिग्ध कैंप था, इसकी न स्वास्थ्य विभाग और न जिला प्रशासन को कोई जानकारी थी। सीएमओ के मुताबिक देश के सबसे महत्वपूर्ण टीकाकरण अभियान में ऐसे संदिग्ध कैंप के आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए बीटा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी। जबकि शासन स्तर पर जांच आगे भी जारी रहेगी।
आयोजक जांच में मदद को तैयार नहीं
सीएमओ ने बताया कि इस पूरे मामले में कैंप के आयोजक किसी भी तरीके की जांच में मदद करने को तैयार नहीं हैं। बल्कि जांच करने गई टीम के साथ आयोजकों ने अभद्रता भी की। सीएमओ के मुताबिक उनकी टीम को यहां कैंप के आयोजन के बाद इस्तेमाल की गई वैक्सीन की वायल तक नहीं मिली। जिससे इस बात का पता चल सके कि वास्तव में इन वैक्सीन में था क्या। हालांकि उन्होंने बताया कि जांच में इस बात की पुष्टि हुई है जो टीके नोएडा के जेपी ग्रीन्स सोसाइटी में लगाए गए, उनका बैच नंबर अलीगढ़ का था।


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