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9 साल के बच्चे पर दर्ज हुई एफआईआर का मामला, ACP के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
Nilmani Pal
27 Oct 2022 12:51 AM GMT

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मुंबई में 9 साल के बच्चे पर दर्ज हुई एफआईआर करने वाले एसीपी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस एसएम मोदक ने पुलिस द्वारा नाबालिग बच्चे पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि, ये वाकई काफी शॉकिंग और हैरान कर देने वाली बात है कि पुलिस ने एक्टर सिमरन सचदेवा के कहने पर बच्चे की उम्र की परवाह किए बगैर एक नाबालिग बच्चे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली .
बता दें कि इस साल की शुरुआत में मुंबई के वनराई पुलिस स्टेशन में 9 साल के बच्चे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उसकी मां ने इस एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई जजों की ये बेंच कर रही थी.
दरअसल, ये पूरा मामला 27 मार्च 2022 का है, जब शाम लगभग 7.30 बजे बच्चा अपने माता-पिता के साथ सोसायटी में साइकिल चला रहा था. तभी उसका संतुलन बिगड़ा और वो एक्ट्रेस की मां से जाकर टकरा गया .जिसमें अभिनेत्री की मां को चोट लगी . इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद सचदेवा ने वनराई पुलिस स्टेशन में जाकर बच्चे के खिलाफ जाकर एफआईआर दर्ज कराई.
पुलिस ने बच्चे के खिलाफ आईपीसी की धारा 338 के तहत मामला दर्ज किया था. यह धारा किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई लापरवाही या जल्दबाजी की वजह से किसी भी व्यक्ति को चोट लगने या मानव जीवन को होने वाले खतरे से संबंधित है.
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता शरण गिरी ने कहा कि पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की बजाय भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के प्रावधानों का पालन करना चाहिए था. सात साल से ऊपर व 12 साल तक उम्र के बच्चों द्वारा किए जानेवाले किसी भी कृत्य को अपराध नहीं माना जा सकता है. क्योंकि उनके पास अपने कृत्य के परिणाम व प्रभाव को समझने का पर्याप्त ज्ञान नहीं होता है.
अधिवक्ता ने आगे कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस केस के बाद और मीडिया में हुई कवरेज के चलते बच्चा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. तथ्यों की यह साफ रूप से स्पष्ट है कि यह घटना महज एक एक्सीडेंट थी, सचदेवा द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर पुलिस को इस पर कोई कार्रवाई नहीं शुरू करनी चाहिए थी.
सरकारी वकील जेपी याज्ञनिक ने जजों की बेंच को बताया कि अभियोजन पक्ष के पास भी इस एफआईआर को रद्द करने में कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि अब इस मामले में एसीपी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, जिसने 9 साल के बच्चे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
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