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2 लोगों पर FIR दर्ज, महिला की सीटी स्कैन में हुआ ये खुलासा

jantaserishta.com
20 Jan 2022 9:42 AM GMT
2 लोगों पर FIR दर्ज, महिला की सीटी स्कैन में हुआ ये खुलासा
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पढ़े हैरान करने वाला मामला।

नई दिल्ली: दिल्ली से लगे गुरुग्राम की एक अदालत ने दो डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं. डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने एक बच्चे के जन्म के दौरान सिजेरियन के बाद महिला के पेट में कॉटन छोड़ने की लापरवाही की है. गुरुग्राम के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार को महिला के पति की शिकायत पर यह आदेश दिया. महिला के पति की याचिका पहले पुलिस ने खारिज कर दी थी.

महिला के पति दिवस राय, जो कि सिकंदरपुर में अपनी पत्नी स्वस्तिक के साथ रहते हैं. वे मूलत: दार्जिलिंग के निवासी हैं. दिवस ने अदालत में कहा कि मेरी पत्नी अप्रैल 2020 में गर्भवती हुई थी. कोविड के कारण लॉकडाउन था और मेरी नौकरी भी चली गई थी. ऐसे में मेरे पास पैसे नहीं थे तो पत्नी को लेकर सरकारी आंगनबाडी केंद्र ले गया. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने मुझे मेरी पत्नी को सेक्टर -12 के शिव अस्पताल ले जाने के लिए कहा.
डिलीवरी के ठीक बाद शुरू हो गया दर्द
उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही मैं अपनी पत्नी को शिवा अस्पताल ले गया, डॉक्टरों ने 16 नवंबर, 2020 को उसका ऑपरेशन किया तो मेरी बच्ची का जन्म हुआ और अस्पताल ने मुझसे 30,000 रुपये लिए. राय ने आरोप लगाया कि प्रसव के ठीक बाद, उनकी पत्नी को पेट में दर्द शुरू हो गया और पेट पर लाल निशान के साथ सूजन हो गई. ऐसे में उसे फिर से अस्पताल ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे दर्द कम करने के लिए कुछ विटामिन और अन्य दवाएं दे दीं
सीटी स्कैन में हुआ खुलासा
लेकिन जब शिवा अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा दी गई दवाएं काम नहीं की तो मैं उसे दूसरे अस्पताल ले गया जहां डॉक्टरों को संदेह था कि उसके पेट में कुछ हो सकता है. उन्होंने इलाज का एक और कोर्स शुरू किया. चूंकि मेरी पत्नी को अभी भी कोई राहत नहीं मिली और प्रसव के बाद शुरू होने वाले सभी दर्द को झेलते हुए उसकी वजन 16 किलो गया तो मैं उसे तीसरे अस्पताल ले गया. वहां मेरी पत्नी के लिए सीटी-स्कैन की सलाह दी गई. सीटी स्कैन में दिखा कि उसके पेट में कुछ रूई जैसी चीजें पाई गई है.
बिना बताए पत्नी को ले गए अस्पताल वाले
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि शिवा अस्पताल में मामले की सूचना के बाद, पहले उन्होंने नजरअंदाज किया लेकिन बाद में मेरे घर एक एम्बुलेंस भेजी और मेरी पत्नी को मेरी जानकारी और सहमति के बिना अस्पताल में भर्ती कर दिया. उन्होंने उससे कुछ खाली फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाए और उसका ऑपरेशन किया और पेट से कॉटन को हटा दिया.'' राय ने कहा, 'मामले को लेकर जब मैं पुलिस के पास गया, तो उन्होंने मेरी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया.' कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अब गुरुग्राम के सेक्टर 14 थाने में शिवा अस्पताल की डॉ पूनम यादव और डॉ अनुराग यादव के खिलाफ धारा 417 (धोखाधड़ी की सजा), 336 (जान को खतरे में डालने वाली हरकत) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
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