ग्रेटर नोएडा (ग्रेनो) प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. ग्रेनो प्राधिकरण में 20 साल से किसान के साथ फ्रॉड करते आ रहे अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ शिकंजा कसने लगा है. ग्रेनो प्राधिकरण से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में अफसरों समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ये मुकदमे सूरजपुर थाने की पुलिस ने दर्ज किए हैं. आरोप है कि दो मैनेजरों ने मिलकर किसान के 6 फीसदी आबादी के प्लाट में घोटाला कर दिया. अब मैनेजर कैलाश भाटी, असिस्टेंट संजीव शर्मा और पूर्व मैनेजर अरविंद मोहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसके साथ ही ऐसे लोगों की तादाद आठ पहुंच गई है, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें अफसर भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि एक दिन पहले भी पूर्व अधिकारी रवींद्र तोगड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. शासन रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को लेकर सख्त है लेकिन इसके बावजूद इसपर लगाम लगती नजर नहीं आ रही. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में रिश्वतखोर अफसरों का जमावड़ा तो है ही, बिचौलिए और दलाल भी प्राधिकरण के दफ्तर में जमे नजर आते हैं. लोगों की मानें तो कई बार ऐसा हुआ है जब वरिष्ठ अफसर दागियों को बचा लेते हैं. लोग बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि किसी न किसी तरह से वरिष्ठ अफसर ऐसे दागी अफसरों को बचा लेते हैं. अब देखना है कि सूरजपुर पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करती है या फिर हर बार की तरह इस बार भी नतीजा सिफर ही रहता है.