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भीषण युद्ध: Ukraine में फंसी बेटी के लिए पिता ने लगाई गुहार, बोले- जिंदा वापस लाएं
Shiddhant Shriwas
26 Feb 2022 11:27 AM GMT
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नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध के हालात के बीच यूपी के बहुत से छात्र वहां फंसे हुए हैं. यूपी के बांदा (Banda) के मोहल्ला छावनी की अलीशा मंसूरी भी यूक्रेन के कीव शहर में फंसी हुई हैं. वह एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं. चार महीने पहले नवंबर 2021 में उन्होंने वहां पर दाखिला लिया था. खौफनाक मंजर के बीच अलीशा वापस घर नहीं आ सकी हैं. अलीशा ने शुक्रवार को अपने परिवार को मैसेज भेजकर वहां के हालात की जानकारी दी. अलीशा ने परिवार को बताया कि उसके साथ कई भारतीय छात्र भी बहित परेशानी में हैं. बेटी का दुख सुनकर परेशान परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मदद की गुहार लगाई है.
पीड़ित परिवार ने कहा है कि उनकी बेटी को किसी भी तरह से युद्ध की विभीषिका से बचाकर जीवित वापस लाया जाए. मेडिकल स्टूडेंट अलीशा के पिता रफ़ीक़ मंसूरी बेटी के यूक्रेन (Russia Ukraine Crisis)में फंसे हने पर काफी परेशान हैं. दुखी और डरे हुए मन से उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अलीशा काफी डरी हुई है. बम धमाकों की वजह से वहां पर काफी दहशत का माहौल है. बेटी ने उन्हें बताया कि युद्ध की वजह से बाजार बंद हैं.
कीव शहर में रूस की ओर से भयंकर मिसाइल अटैक किया जा रहा है. पिता ने बताया कि उनकी बेटी दूसरे भारतीय बच्चों के साथ साथ बंकर में छिपी हुई है. मेडिकल स्टूडेंट अलीशा के चाचा ने बताया कि यूक्रेन में रूस जेट फाइटर विमान दसे लगातार हमले कर रहा है. उन्होंने कहा कि वहां पर सायरन की आवाजें गूंज रही हैं. यूक्रेन में फंसी अलीशा के चाचा ने बताया कि यूक्रेन की सरकार लगातार एडवाइजरी जारी करती है. कभी बच्चों को बंकरों में जाने तो कभी यूनिवर्सिटी में वापस आने के लिए कहा जाता है. कभी उन्हें बाहर नहीं जाने की हिदायत दी जाती है. उन्होंने बताया कि सड़कों पर सेना के टैंक घूम रहे हैं. उनकी बेटी ने बताया कि सड़कों पर परिंदा भी नहीं दिख रहा है.
अलीशा के चाचा ने बताया कि बेटी से उनकी बात शुक्रवार रात को हुई थी. उस समय वह काफी डरी हुई थी. बेटी ने उनसे भारत सरकार ने अपील कर उसे सुरक्षित लाने के लिए कहा. अलीशा ने उन्हें बताया कि भारतीय दूतावास से एक एडवाइजरी भी जारी की गई थी. उनकी तरफ से कहा गया था कि सभी छात्र पोलैंड, रोमानिया के बॉर्डर पर पहुंच जाएं. अलीशा ने बताया की बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट बॉर्डर पर पहुंचे लेकिन पोलैंड ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया.
पोलैंड ने ये कहकर उन्होंने वापस लौटा दिया कि उन्हें कोई भी आदेश नहीं मिला है. उन्होंने छात्रों को प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया. अलीशा ने बताया कि बॉर्डर पर खड़े छात्र काफी परेशान हैं. वह समझ ही नहीं पा रहे कि आखिर वह जाएं कहां. अलीशा का कहना है कि भारत सरकार कह रही है कि दूतावास मदद के लिए काम कर रहा है. यूक्रेन में फंसी अलीशा के चाचा ने बांदा के डीएम अनुराग पटेल को पीएम नरेंद्र मोदी के नाम एक प्रार्थना पत्र सौंपा.
इसमें उन्होंने अपनी बेटी को घर वापस लाने की अपील की है. उनके पत्र को डीएम ने पीएम ऑफिस भेज दिया है. वहीं डीएम ने दिल्ली में पीएमओ से भी बात की है. उनका कहना है कि पीएम ऑफिस से उन्हें पॉजिटिव रिस्पांस मिला है. पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि बच्चों को वापस लाने की दिशा में भारत सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है.
Shiddhant Shriwas
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