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माननीय का कारनामा: विधायक और निगम पार्षद आपस में भिड़े, कपड़े फाड़ने और चांटा मारने का आरोप

jantaserishta.com
24 Nov 2021 3:39 AM GMT
माननीय का कारनामा: विधायक और निगम पार्षद आपस में भिड़े, कपड़े फाड़ने और चांटा मारने का आरोप
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जानें पूरा मामला.

नई दिल्ली: दिल्ली में शराब की दुकानों को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. इसका असर मंगलवार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में भी नजर आया. बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) के निगम पार्षद और बीजेपी (BJP) निगम पार्षद आपस में भिड़ गए. बीजेपी की तरफ से शराब की नीति का विरोध किया जा रहा था, तो आम आदमी पार्टी के विधायक ने बीजेपी के पार्षद को थप्पड़ मार दिया. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ.

क्या है मामला
दरअसल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में प्रदूषण कर्मचारियों को पक्का किए जाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी. सतापक्ष और विपक्ष अपने-अपने मुददों पर पहले चर्चा करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान एल्डरमैन विजेंद्र यादव चाय पत्ती वाला पानी बोतलों में भरकर सदन बैठक में लाए और केजरीवाल की शराब नीति का विरोध करने लगे. जिस पर आप नेताओं ने ऐतराज जताया. मामला इतना गरमा गया कि रिठाला से आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल और भाजपा पार्षद के बीच हाथापाई तक हो गई. बीजेपी निगम पार्षद विजेंद्र यादव का आरोप है कि महेंद्र गोयल ने उनके कपड़े फाड़े उनके साथ बदसलूकी की और उनको चांटा मारा.
महिला पार्षदों से बदसलूकी का आरोप
इस मामले में आप विधायक महेंद्र गोयल ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान विजेंद्र यादव शराब की बोतल सदन में लेकर आए जिससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची. उन्होंने यह भी कहा कि वीरेंद्र यादव उन शराब की बोतलों को लेकर आम आदमी पार्टी की महिला पार्षदों के पास भी गए और उन्हें इसे पीने को कह रहे थे. महेंद्र गोयल ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान आप, सरकार या सरकार की नीति का विरोध कर सकते हैं, लेकिन इस तरीके से सदन की गरिमा और महिलाओं को बेइज्जत करना सही नहीं था. उन्होंने कहा कि थप्पड़ मारने का मुझे भी खेद है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सदन में शराब की बोतल ही लाई गई थी.
शराब की बोतल या चाय पत्ती का पानी !
मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि शॉर्ट नोटिस शराब के खिलाफ लगा था. फिर पॉल्यूशन के मुद्दे पर चर्चा होनी थी लेकिन लगता है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने महापौर की पट्टी को हटाया और सांकेतिक तौर पर चाय के पानी को लेकर, नई शराब नीति का विरोध करना शुरू कर दिया. ये शराब नहीं चाय की पत्ती का पानी था.
इस हंगामे के बाद सदन की बैठक रद्द की कर दी गई. बीजेपी निगम पार्षद ने 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को बुलाया. उनकी शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. पुलिस सदन में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और मामले की जांच में जुट गई है.
बता दें कि आप पार्टी ने विधायक महेंद्र गोयल को विधायक होने के नाते दिल्ली सरकार की तरफ से निगम में सदस्य मनोनीत किया है. विजेंद्र यादव पहले आम आदमी पार्टी में ही थे और आम आदमी पार्टी की सरकार ने उन्हें पार्षद के रूप में मनोनीत किया था. जबकि विजेंद्र बीजेपी में शामिल हो गए थे.


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