देश में त्योहारों ने जगाई शहरों की उम्मीद...रोजगार के अवसर बढ़े पर ग्रामीणो में बढ़ी बेरोजगारी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अक्तूबर के त्योहारी माह में ग्रोसरी स्टोर्स पर खुदरा सामानों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाहनों की बिक्री के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के कोर सेक्टर में भी अच्छी वापसी दर्ज की गई है। इसके बाद भी राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर में वृद्धि सरकार के लिए परेशानी का कारण बन गई है। शनिवार को समाप्त हुए अक्तूबर माह में बेरोजगारी दर बढ़कर 6.98 प्रतिशत हो गई। जबकि सितंबर में बेरोजगारी दर में कमी दर्ज की गई थी। सितंबर महीने की तुलना में अक्तूबर माह में शहरों में बेरोजगारी घटी है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी में वृद्धि हुई है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर माह में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 6.67 प्रतिशत थी, जो अक्तूबर माह में बढ़कर 6.98 हो गई है। इस दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.45 से घटकर 7.15 हुई है, जबकि इसी दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 5.86 प्रतिशत से बढ़कर 6.90 हो गई है। रबी की बुआई का सीजन होने के बाद भी ग्रामीण स्तर पर बेरोजगारी दर में वृद्धि को इस दौरान ज्यादा श्रमिकों के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने से जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि खुदरा सामानों की मांग में वृद्धि का सीधा असर शहरी औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज तेज होने और बेरोजगारी दर के कम होने के रूप में दिखाई पड़ रहा है।
राज्यों में बेरोजगारी दर
देश के राज्यों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में है, जहां 27.3 प्रतिशत लोगों ने खुद को बेरोजगार बताया है। इसके बाद राजस्थान में 24.1 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 16.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 13.5 प्रतिशत, झारखंड में 11.8 प्रतिशत, गोवा में 11.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल मे 10 प्रतिशत और पंजाब में 9.9 प्रतिशत लोगों ने स्वयं को बेरोजगार बताया है।
सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में सिक्किम 0.9 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद कर्नाटक 1.6 प्रतिशत, तमिलनाडु में 2.2 प्रतिशत, ओडिशा में 2.2 प्रतिशत, तेलंगाना में 2.9 प्रतिशत, असम में 3 प्रतिशत और गुजरात में 4 प्रतिशत लोग बेरोजगार हैं।
इस माह में अच्छी उम्मीद
नवंबर में भी अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। इस दौरान केंद्र सरकार से औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक और राहत पैकेज मिलने की उम्मीद की जा रही है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, दिवाली सीजन में मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था में तेजी आ सकती है। कोर सेक्टरों में भी कोरोना काल के पूर्व स्तर की मांग होने की उम्मीद जाहिर की जा रही है।