जबलपुर। डेंगू अब न केवल हाहाकार मचा रहा है बल्कि जानलेवा भी हो गया है. जबलपुर में एक महिला आरक्षक की डेंगू संक्रमण के चलते आज सुबह मौत हो गई. देर शाम निजी अस्पताल में भर्ती कराई गई आरक्षक उषा तिवारी की इलाज के दौरान मौत हो गई जिससे पूरे पुलिस महकमे में शोक की लहर है. महिला आरक्षक उषा तिवारी की डेंगू से मौत हो जाने पर जिले के पुलिस कप्तान सिद्धार्थ बहुगुणा ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी. पुलिस लाइन जबलपुर में पदस्थ महिला आरक्षक उषा तिवारी विगत लंबे समय से बीमार चल रही थी.
लगातार डेंगू का आक्रमण हर तबके में हो रहा है. बात जबलपुर जिले की करें तो अकेले सरकारी आंकड़ों में अब तक 399 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें 18 वर्ष उम्र तक के बच्चों की संख्या भी 130 से अधिक है. महिला आरक्षक उषा तिवारी की डेंगू से मौत हो जाने पर जिले के पुलिस कप्तान सिद्धार्थ बहुगुणा ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी. महिला आरक्षक उषा तिवारी विगत लंबे समय से बीमार चल रही थी. प्लेटलेट की संख्या गिरने पर वह घर पर ही दवाई लेकर इलाज करा रही थी लेकिन अचानक हालत बिगड़ने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लाख कोशिशों के बावजूद भी चिकित्सक उन्हें नहीं बचा सके.
जानकारी के मुताबिक 9 सितंबर को आरक्षक उषा तिवारी ने अपनी जांच कराई थी जिसमें उनकी प्लेटलेट 1 लाख 20 हज़ार थी. अचानक 11 सितंबर यानी शनिवार को हालत ज्यादा खराब होने पर उनके परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए थे. महिला आरक्षक की डेंगू से हुई मौत के बाद पुलिस अधीक्षक महोदय ने परोपकार निधि राशि के तहत तत्काल एक लाख रुपये मृतका के परिजनों को देने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि डेंगू संक्रमण के साथ-साथ वायरल फीवर और मिस्ट्री फीवर का प्रकोप शहर में कहर बरपा रहा है.