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रोहिणी कोर्ट में शूटआउट के बाद जेलों में गैंगवार की आशंका, तिहाड़ से मंडोली तक अलर्ट जारी

Deepa Sahu
25 Sep 2021 2:30 PM GMT
रोहिणी कोर्ट में शूटआउट के बाद जेलों में गैंगवार की आशंका, तिहाड़ से मंडोली तक अलर्ट जारी
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दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए शूटआउट के बाद अब दिल्ली की जेलों में गैंगवार की संभावना बढ़ गई है।

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुए शूटआउट के बाद अब दिल्ली की जेलों में गैंगवार की संभावना बढ़ गई है। इसे देखते हुए दिल्ली की सभी जेलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसमें तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेल भी शामिल हैं।

खासतौर से बढ़ाई गई मंडोली जेल की सुरक्षा
कोर्ट रूम में जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या के बाद तिहाड़ के सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खासकर मंडोली जेल की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों ने बैठक की है। जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या में मंडोली जेल के हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुनील मान उर्फ टिल्लू का नाम आ रहा है। जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वह टिल्लू की सुरक्षा की समीक्षा करें और अगर जरूरत है तो उसे अन्य जेल में भेजा जा सकता है।
मंडोली जेल में रची गई साजिश
कहा जा रहा है कि रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट की साजिश तिहाड़ की मंडोली जेल में रची गई थी। इसी जेल में गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी का जानी दुश्मन कुख्यात बदमाश सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया बंद है। उसे मंडोली जेल के हाई रिस्क वार्ड में रखा गया है। पुलिस को पूरा शक है कि गोगी को मारने की सारी योजना मंडोली जेल में ही बनाई गई थी। वहां टिल्लू ही नहीं बल्कि उसके कई गुर्गे भी बंद हैं।
शुक्रवार को बुलाई गई थी जेल अधिकारियों की आपात बैठक
जेल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जेल परिसर में हत्या नहीं होने के बावजूद अगर ऐसी कोई घटना होती है तो जेल में बंद विरोधी गैंग के सदस्यों में तनाव बढ़ जाता है। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए जेल प्रशासन की ओर से कदम उठाए जाते हैं। घटना के बाद शुक्रवार को जेल अधिकारियों की आपात बैठक हुई।
तनाव भरे माहौल के बीच सुरक्षा को लेकर कोई चूक न हो, इसके लिए जेल महानिदेशक की ओर से अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। जेल अधिकारियों को कहा गया है कि हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद कैदियों पर चौबीस घंटे निगाह रखी जाए। उनकी सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
जरूरत पड़ने पर कैदियों को दूसरी जेल भी भेजा जा सकता है
जेल अधिकारियों से पूछा गया है कि अगर हाई सिक्योरिटी सेल में बंद कैदियों को दूसरी जेल भेजे जाने की आवश्यकता है तो वह इस बात की सिफारिश कर सकते हैं। जिसपर जेल प्रशासन विचार कर सकता है। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया है कि विरोधी गैंग के सदस्यों को एक जेल में नहीं रखा जाए। अगर एक जेल में विरोधी गैंग के बदमाश बंद है तो उन्हें तत्काल दूसरी जेल में भेजने की व्यवस्था की जाए।
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