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15 साल की बेटी के साथ बाप ने किया दुष्कर्म, मोबाइल फोन चलाने की इतनी बड़ी सजा

Rani Sahu
25 Jan 2022 1:35 PM GMT
15 साल की बेटी के साथ बाप ने किया दुष्कर्म, मोबाइल फोन चलाने की इतनी बड़ी सजा
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दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा (Minor Student) अपने ही 42 वर्षीय पिता की हवस का शिकार बन गई

अमरावती : दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा (Minor Student) अपने ही 42 वर्षीय पिता की हवस का शिकार बन गई. दरअसल मासूम स्कूल (School) खत्म होने के बाद भी घर नहीं जा रही थी. एक शिक्षक (Teacher) के घर ना जाने की वजह पूछने पर लड़की ने जो खुलासा किया उसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे.

घर जाने से डर रही थी बच्ची
शिक्षक के पूछने पर लड़की ने बताया कि उसके पिता लंबे समय से उसका यौन शोषण (Sexual Abuse) कर रहे हैं. इस कारण वह घर वापस नहीं जाना चाहती. इसके बाद शिक्षक की मदद से बच्ची ने हिम्मत कर स्थानीय पुलिस स्‍टेशन में शिकायत दर्ज (Complaint Filed) कराई. इंडिया टाइम्स में प्रकाश‍ित एक रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके पिता ने उसके साथ कथित तौर पर कई बार रेप क‍िया.
मोबाइल फोन चलाने की इतनी बड़ी सजा
बताया जा रहा है क‍ि बच्ची का प‍िता मोबाइल फोन (Mobile Phone) पर ज्यादा समय बिताने से नाराज था. गुस्से में आकर प‍िछले कुछ महीने में उसने अपनी नाबालिग बेटी के साथ कई बार रेप (Rape) किया. श‍िकायत म‍िलने के बाद पुलिस ने बच्‍ची को मेड‍िकल के लिए भेज दिया है.
मासूम की मां का चल रहा है इलाज
पुलिस के मुताबिक आरोपी दो साल पहले किडनी फेल (Kidney Failure) होने के चलते बीमार पड़ा था. जान बचाने के लिए उसकी पत्नी ने किडनी दान (Donate) की. पांच महीने बाद पत्नी बीमार हो गई. इलाज (Treatment) के लिए पत्नी अपनी मां के पास चली गई और बेटी को उसके पिता की देखभाल के लिए घर पर छोड़ दिया.
पुलिस की कार्रवाई
विशाखापट्टनम के इस व्यक्ति को अपनी ही 15 साल की बेटी के साथ कई बार रेप (Rape) करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड (Judicial Remand) पर भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक बहुत ज्यादा फोन इस्तेमाल करने के कारण पिता बेटी से नाराज था, जिसके चलते उसने अपराध (Crime) को अंजाम दिया.
भारत में बढ़ते रेप केस
एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 में हर दिन औसतन 77 रेप हुए. ये आंकड़ा अपने आप में ही इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला है. इस सबका जिम्मेदार निश्चित तौर पर संक्रमित सोच है जो चंद महीने की बच्ची को भी अपनी हवस से नहीं बचने देती.
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