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बाप ने नाबालिग बेटी को बनाया हवस का शिकार, मिली कर्मों की सजा, जानें पूरा मामला
jantaserishta.com
28 March 2024 8:08 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
कहा- अकेला कमाने वाला.
नई दिल्ली: एक पिता अपनी बच्ची का रक्षक होता है। लेकिन आजकल कई ऐसे केस सामने आते हैं जिसमें रक्षक ही भक्षक बन जाता है। ऐसे ही एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दरिंदे पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पिता ने कई बार अपनी नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बनाया। इसके बाद वह उसे मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित करने लगा। इतना ही नहीं पत्नी ने भी कोर्ट से पति के लिए रहम मांगी थी।
दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी का कई बार रेप करने और उसे गर्भवती करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। हैवान पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाते समय, अदालत ने अपराधी की 'शैतानी' प्रकृति और इस तथ्य पर भी गौर किया कि पीड़िता उसकी बेटी थी। अदालत ने यह भी माना कि आरोपी 'अपनी बेटी को इमोशनली ब्लैकमेल करने के लिए पत्र लिखा करता था।'
अपने बचाव में दलील देते हुए दोषी ने कहा कि वह परिवार में अकेला कमाने वाला है। उसने कहा कि अपराध के वक्त वह शराब के नशे में था और पत्नी और बेटी के बीच अंतर नहीं कर पाया। पत्नी ने भी अदालत से नरमी की गुहार लगाई थी। मामले में दिल्ली महिला आयोग के वकील ने तर्क दिया कि दोषी को अपनी बेटी का 'रक्षक' माना जाता था, लेकिन वह 'दरिंदा' निकला।
अदालत ने पीड़िता को राहत और पुनर्वास के लिए 13 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। वहीं जेल अधिकारियों को दोषी द्वारा जेल में कमाई गई मजदूरी का 70 प्रतिशत उसके परिवार को उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए देने और 30 प्रतिशत व्यक्तिगत जरूरतों के लिए अपने पास रखने का निर्देश दिया। डीसीडब्ल्यू के वकील ने यह भी कहा कि दोषी की पत्नी एक निजी स्कूल में काम करती है और हर महीने सिर्फ 5,000 से से 6,000 रुपये कमाती है, जोकि परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
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